Move to Jagran APP

7वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने से रेलवे पर बढ़ेगा 30000 करोड़ का बोझ

सातवें वित्तीय आयोग की सिफारिशें लागू करने के बाद रेलवे पर करीब 30000 करोड़ रूपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा। एलआईसी ने रेलवे को 1.5 लाख करोड़ रूपये देने का प्रस्ताव दिया है।

By Atul GuptaEdited By: Updated: Thu, 14 Apr 2016 10:08 AM (IST)
Hero Image

कोलकाता। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने से इस साल रेलवे की परिचालन व्यय कम करने की कोशिशों को धक्का लगेगा। रेलवे बोर्ड के फाइनेश्ल कमिश्नर संजय मुखर्जी के मुताबिक इस वित्त वर्ष में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने के बाद रेलवे पर लागत को नियंत्रण में रखने का दवाब होगा।

संजय मुखर्जी के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2015-16 के दौरान रेलवे ने 12000 करोड़ रूपये की बचत की जिसमें से 4 हजार करोड़ रूपये इंधन और बाकी 8 हजार करोड़ रूपये दूसरे साधनों से आए।

मुखर्जी के मुताबिक सातवें वित्तीय आयोग की सिफारिशें लागू करने के बाद रेलवे पर करीब 30000 करोड़ रूपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि इस अतिरिक्त भार को उठाने के लिए रेलवे ने तीन साल पहले एक अतिरिक्त कोष का निर्माण किया था। उन्होंने कहा कि अतिरिक्त खर्ज को इस फंड से पूरा किया जाएगा। हालांकि

उन्होंने साफ कर दिया कि रेलवे पर पड़ रहे अतिरिक्त बोझ से रेलवे की नई योजनाओं और विस्तार कार्यक्रमों पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि सरकार ने रेलवे को पर्याप्त साधन उपलब्ध कराए हैं। उन्होंने कहा कि एलआईसी ने रेलवे को 1.5 लाख करोड़ रूपये देने का प्रस्ताव दिया है। उन्होंने कहा कि एलआईसी का फंड विकास कार्यक्रमों पर खर्ज किया जाएगा।

पढ़ें- आदर्श रेलवे स्टेशन पर पानी के लाले