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जम्मू-कश्मीर के शोपियां में सरकारी वकील की हत्या के बाद तनाव

श्रीनगर में शरारती तत्वों ने सुरक्षाबलों पर पेट्रोल बम से हमला किया, वहीं सीएम महबूबा मुफ्ती से सुरक्षा बलों से और अधिक संयम बरतने की अपील की।

By Lalit RaiEdited By: Updated: Sun, 16 Apr 2017 10:43 PM (IST)
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जम्मू-कश्मीर के शोपियां में सरकारी वकील की हत्या के बाद तनाव

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के शोपियां के पिंजुरा इलाके में एक पूर्व सरकारी वकील की अज्ञात हमलावरों ने हत्या कर  दी है। जिसके बाद स्थिति काफी तनावपूर्ण हो गई है। कश्मीर घाटी में रविवार को संडे मार्केट को छोड़ हर ओर अलगाववादियों की हड़ताल और बंद का असर नजर आया। कई जगह आतंकियों व अलगाववादियों के समर्थकों की सुरक्षाकर्मियों से हिंसक झड़पें हुई, जिनमें एक दर्जन लोग जख्मी हो गए। हिंसक झड़पों के दौरान शरारतीतत्वों ने सुरक्षाबलों के वाहनों पर पेट्रोल बम भी फेंके।बंद का आह्वान ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस समेत कश्मीर के सभी अलगाववादी संगठनों ने गत शनिवार को बटमालू में सुरक्षाबलों की फायरिंग में एक युवक की मौत के खिलाफ किया था। अलगाववादियों के बंद का असर सुबह से ही नजर आया। जम्मू-कश्मीर की सीएम ने कहा कि अलगाववादियों से निपटने के लिए सुरक्षा बलों को और संयमित व्यवहार दिखाना चाहिए। 

नौशहरा सेक्टर में पाक की तरफ से गोलाबारी

पाकिस्तान की सेना ने एक सप्ताह तक सीमा पर शांति कायम रखने के बाद रविवार को नौशहरा के लाम सेक्टर में जमकर गोलाबारी की। भारतीय सेना की चौकियों और रिहायशी क्षेत्रों को भी निशाना बनाया। गोलाबारी से कोई जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ है। वहीं मोर्टार शेल रिहायशी क्षेत्रों में गिरने से लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है। पाक सेना ने सुबह करीब पांच बजे लाम सेक्टर की चार सैन्य चौकियों पर ताबड़तोड़ गोलाबारी शुरू कर दी जो एक घंटे तक जारी रही। चौकियों पर मोर्टार शेल भी दागे। इसके बाद लाम के रिहायशी क्षेत्रों में मोर्टार दागे। भारतीय सेना ने मुंह तोड़ जवाब दिया, जिसके बाद पाक सेना ने गोलाबारी बंद कर दी। उल्लेखनीय है कि पाक सेना गोलाबारी की आड़ में घुसपैठ करवाने का प्रयास कर रही है, जिसे सीमा पर तैनात भारतीय सेना सफल नहीं होने दे रही है। सेना ने पूरे सीमांत क्षेत्रों में चौकसी बढ़ा दी है।

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घाटी में कई जगहों पर हिंसक झड़प

सबसे ज्यादा हिंसक झड़पें श्रीनगर के बटमालू, रेक चौक, रैनावारी, डाउन-टाउन के अलावा दक्षिण कश्मीर के पांपोर व पुलवामा और उत्तरी कश्मीर के सोपोर में हुई हैं। रैनावारी में शरारती तत्वों ने सीआरपीएफ के दो वाहनों को क्षति पहुंचाने के अलावा उन पर पेट्रोल बमों से भी हमला किया। पुलिस ने किसी के घायल होने की पुष्टि नहीं की है, लेकिन हमारे सूत्रों ने बताया कि तीन सुरक्षाकर्मियों समेत एक दर्जन से ज्यादा लोग जख्मी हुए हैं।

दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में अच्छन क्षेत्र में रविवार को पुलिस को उस समय बल प्रयोग करना पड़ा, जब आतंकियों को पकड़ने हफ गांव में दाखिल हुए सुरक्षाबलों पर युवकों ने पथराव शुरू कर दिया। सक झड़पों में तीन सुरक्षाकर्मियों समेत एक दर्जन से ज्यादा लोग जख्मी हो गए। एक युवक के कंधे में गोली लगी है।

शोपियां जिले के हफ गांव में आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिलते ही सुरक्षाबलों ने तलाशी अभियान चलाया, जो लगभग दो घंटे जारी रहा था। इस दौरान अच्छन गांव से गुजरते हुए सुरक्षाबलों के खिलाफ युवकों ने उत्तेजक नारेबाजी करते हुए पथराव शुरू कर दिया। उन्होंने सुरक्षाबलों के वाहनों का रास्ता रोक लिया और वाहनों में आग लगाने का भी प्रयास किया। पुलिस को भीड़ पर काबू पाने के लिए गोली चलानी पड़ी, जो फैजान अहमद शाह नामक युवक के कंधे में लगी। इसके अलावा देर शाम तक जारी ¨हसक झड़पों में तीन सुरक्षाकर्मियों समेत एक दर्जन से ज्यादा लोग जख्मी हो गए। 

संसदीय समिति ने खुफिया एजेंसियों की खिंचाई की

एक संसदीय समिति ने पठानकोट, उड़ी और कुछ अन्य स्थानों पर हुए आतंकी हमलों के लिए खुफिया एजेंसियों की खिंचाई की है। समिति का कहना है कि इन हमलों ने एजेंसियों की खामियों को उजागर किया है, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने अपनी नाकामियों का कोई विश्लेषण नहीं किया।वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पी. चिदंबरम की अध्यक्षता वाली गृह मामलों की संसदीय स्थायी समिति का कहना है कि पठानकोट के वायुसेना अड्डे पर 2 जनवरी, 2016 को हुए आतंकी हमले को एक साल बीत चुका है, लेकिन राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) की जांच अभी तक पूरी नहीं हो पाई है। लिहाजा समिति सुझाव देती है कि गृह मंत्रालय एनआइए को जल्द से जल्द इन हमलों की जांच पूरी करने का निर्देश दे ताकि सीमावर्ती क्षेत्रों में खुफिया तंत्र की खामियों की पहचान की जा सके।

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