मोदी ने कहा, 'गंगा मैली करने वालों पर करें कठोर कार्रवाई'
गंगा में प्रदूषण रोकने के लिए एकाग्रचित होकर समयबद्ध व कड़ी कार्रवाई का आह्वान करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि गंगा को गंदा न करें। प्रधानमंत्री का कहना है कि औद्योगिक इकाइयों को प्रदूषण रोकने के लिए उपयुक्त कदम उठाने को प्रोत्साहित किया जाए और अगर वे
By Rajesh NiranjanEdited By: Updated: Wed, 07 Jan 2015 07:33 AM (IST)
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। गंगा में प्रदूषण रोकने के लिए एकाग्रचित होकर समयबद्ध व कड़ी कार्रवाई का आह्वान करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि गंगा को गंदा न करें। प्रधानमंत्री का कहना है कि औद्योगिक इकाइयों को प्रदूषण रोकने के लिए उपयुक्त कदम उठाने को प्रोत्साहित किया जाए और अगर वे ऐसा नहीं करती हैं तो मौजूदा कानून के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। पीएम ने गंगा के किनारे पर्यावरण के अनुकूल शवदाह गृह बनाने की संभावनाएं तलाशने को भी कहा है।
प्रधानमंत्री ने मंगलवार को उच्च स्तरीय बैठक बुलाकर 'नमामि गंगे' कार्यक्रम की प्रगति की समीक्षा की। बैठक में शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू, सड़क परिवहन, राष्ट्रीय राजमार्ग एवं जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी, जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती और पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर मौजूद थे। पीएम ने बैठक में कहा कि प्रदूषण रोकने के लिए शहरी सीवेज और औद्योगिक कचरे को गंगा में जाने से रोका जाना चाहिए।764 औद्योगिक इकाइयां चिह्नित
अधिकारियों ने पीएम को गंगा किनारे के उन इलाकों की जानकारी दी जहां से ज्यादा प्रदूषण होता है। सीवेज ट्रीटमेंट की पर्याप्त क्षमता का अभाव भी उजागर किया। अफसरों ने बताया कि गंगा में अति प्रदूषण करने वाली 764 औद्योगिक इकाइयों चिन्हित की गई है। 75 फीसद प्रदूषण टेनरियों, पल्प व पेपर और सुगर मिलों से होता है। पीएम ने प्रदूषण रोकने को कड़ी कार्रवाई का आह्वïान करते हुए औद्योगिक अपशिष्ट जल के पुन: प्रयोग की जरूरत पर भी बल दिया। उन्होंने निजी भागीदारी से गंगा किनारे पर्यावरण अनुकूल शवदाह गृह लगाने की संभावनाएं तलाशने का आग्रह भी किया।गंगावाहिनी के गठन को मंजूरी
गंगा में गंदगी जाने से रोकने के लिए स्वयंसेवकों की गंगावाहिनी बनाने की योजना को मंजूरी दे दी गई है। इस नेटवर्क को सक्रिय बनाने के कदम उठाए जा रहे हैं।नदी जोड़ो परियोजना पर्यावरण के खिलाफ नहीं: उमा भारतीजल संसाधन मंत्री उमा भारती ने कहा है कि सरकार सुनिश्चित करेगी कि नदी जोड़ो परियोजना से पर्यावरण को नुकसान न हो। कुछ पर्यावरणविदों ने परियोजना से पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव की आशंका जताई है।नदी जोड़ो विशेष समिति की दूसरी बैठक की अध्यक्षता करते हुए उमा ने कहा कि परियोजना की निगरानी सुप्रीम कोर्ट कर रहा है इसलिए इस मुद्दे पर किसी को केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता पर संदेह नहीं करना चाहिए। राष्ट्रीय महत्व वाली इस परियोजना पर विभिन्न प्रदेशों से सहयोग मांगते हुए उन्होंने कहा कि यदि राज्यों की इससे संबंधित कुछ आशंकाएं हैं तो वह समिति की अगली बैठक में उन पर चर्चा कर सकते हैं। उमा बुधवार को दमनगंगा-पिंजाल और पार-तापी-नर्मदा लिंक परियोजनाओं पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडऩवीस से चर्चा करेंगी।पढ़े: एनजीटी प्रदूषणकारी औद्योगिक इकाइयों के खिलाफ रहा सख्त अब तो बख्श दो गंगा मइया को