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प्रधानमंत्री मोदी 12 को जा सकते हैं सियाचिन

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संभवत: 12 अगस्त को जम्मू-कश्मीर के लेह-लद्दाख में स्थित विश्व की सबसे ऊंची व दुर्गम सैन्य चौकी सियाचिन ग्लेशियर का दौरा करेंगे। इससे पहले डॉ. मनमोहन सिंह ने 2005 में प्रधानमंत्री रहते हुए सियाचिन का दौरा किया था। डॉ. सिंह ने इसे शांति पर्वत बनाने की मंशा जताई थी। सैन्य सूत्रों ने बताया कि मोदी मंगलवार

By Edited By: Updated: Sun, 10 Aug 2014 06:59 PM (IST)
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संभवत: 12 अगस्त को जम्मू-कश्मीर के लेह-लद्दाख में स्थित विश्व की सबसे ऊंची व दुर्गम सैन्य चौकी सियाचिन ग्लेशियर का दौरा करेंगे। इससे पहले डॉ. मनमोहन सिंह ने 2005 में प्रधानमंत्री रहते हुए सियाचिन का दौरा किया था। डॉ. सिंह ने इसे शांति पर्वत बनाने की मंशा जताई थी।

सैन्य सूत्रों ने बताया कि मोदी मंगलवार को कारगिल व लेह का दौरा करेंगे, जहां वे एक बिजली परियोजना को उद्घाटन करेंगे। सेनाध्यक्ष जनरल दलबीर सिंह सुहाग पगधानमंत्री के साथ रहेंगे।

शून्य से कम तापमान पर 3 हजार जवान

सियाचिन में शून्य से कम तापमान पर देश के 3 हजार से ज्यादा जवान तैनात रहते हैं। ठंड के दिनों में कई बार वहां का तापमान माइनस 60 डिग्री पर पहुंच जाता है। सियाचिन की ज्यादातर चोटियां 16 हजार फीट से ज्यादा ऊंची है। इनमें बना चौकी सबसे ऊंची है होकर 22 हजार फीट की ऊंचाई पर है।

860 जवान शहीद

विश्व की इस सबसे दुर्गम चोटी पर 1984 के बाद से अब तक 860 जवान शहीद हो चुके हैं। इनमे से ज्यादा की मौत विपरीत मौसम और 76 किलोमीटर लंबे ग्लेशियर पर चढ़ने के कारण हुई है।

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