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विकास के साथ प्रकृति को भी दें महत्व: सोनिया

किश्तवाड़ [विवेक सिंह], जागरण ब्यूरो। उत्तराखंड में प्रकृति के कहर के चलते यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने विकास के प्रोजेक्ट बनाते समय पर्यावरण संरक्षण को पूरा महत्व देने पर बल दिया है। उत्तराखंड, हिमाचल की त्रासदी, डोडा के भूकंप व आतंकी हमले में मारे गए सैनिकों के परिवारों के प्रति संवेदना का इजहार करते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि वे अपनी जान दांव पर लगा लोगों को बचा रहे सेना, सुरक्षाबलों को सलाम करती हैं।

By Edited By: Updated: Tue, 25 Jun 2013 06:07 PM (IST)
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किश्तवाड़ [विवेक सिंह], जागरण ब्यूरो। उत्तराखंड में प्रकृति के कहर के चलते यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने विकास के प्रोजेक्ट बनाते समय पर्यावरण संरक्षण को पूरा महत्व देने पर बल दिया है। उत्तराखंड, हिमाचल की त्रासदी, डोडा के भूकंप व आतंकी हमले में मारे गए सैनिकों के परिवारों के प्रति संवेदना का इजहार करते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि वे अपनी जान दांव पर लगा लोगों को बचा रहे सेना, सुरक्षाबलों को सलाम करती हैं।

मंगलवार को प्रधानमंत्री के साथ जम्मू संभाग के किश्तवाड़ जिले में रतले पन बिजली परियोजना का नींव पत्थर रखने से जनसभा में यूपीए अध्यक्ष ने उत्तरखंड में फंसे यात्रियों की सहायता कर रहे लोगों के प्रति भी आभार जताया।

इससे पहले, प्रधानमंत्री डा मनमोहन सिंह ने कहा है कि दहशतगर्दी के खिलाफ पूरा देश एकजुट है। दहशतगर्दो के मंसूबों को कभी कामयाब नहीं होने दिया जाए।

यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ राज्य के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री ने मंगलवार सुबह किश्तवाड़ में रिमोट से 850 मैगावाट की क्षमता वाले रतले पन बिजली प्रोजेक्ट का नींव रखने के बाद कहा कि देश उन सैनिकों के प्रति कृतज्ञ है जिन्होंने श्रीनगर में सोमवार को आतंकवादियों से लोहा लेते हुए शहादत दी। सेना के शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए उन्होंने जोर दिया कि आतंकवादियों के ऐसे हमलों पर रोक लगाई जानी चाहिए।

किश्तवाड़ के चौगान में आयोजित इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री, यूपीए अध्यक्ष के साथ मंच पर राज्यपाल एनएन वोहरा, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद भी मौजूद थे। सुबह दस बजे पहुंचे उधमपुर से हेलीकाप्टर में पहुंचे प्रधानमंत्री ने पौने ग्यारह बजे के करीब प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया। श्रीनगर में सोमवार को हुए हमलों को देखते हुए सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त थे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें 850 मैगावाट के रतले प्रोजेक्ट का नींव पत्थर रखते हुए खुशी हो रही है। प्रोजेक्ट विकास की दिशा में एक अहम कदम है। इसकी लागत 5500 करोड़ रुपए होगी। इसके साथ पर्यावरण संरक्षण व पुनवार्स पर 262 करोड़ रुपए खर्च होंगे।

प्रधानमंत्री ने जोर दिया कि रियासती हकूमत व प्रोजेक्ट प्रबंधन पूरा प्रयास कर ताकि लोगों को समय पर उनका पूरा हक मिले। प्रोजेक्ट निमार्ण के दौरान नेशनल रिसेटलमेंट रिहेबलीटेशन पालिसी के मुताबित रोजगार मिलेगा। वर्ष 2018 तक पूरा होने वाले इस प्रोजेक्ट से जम्मू कश्मीर की आवाम में खुशहाली आएगी।

जम्मू कश्मीर तरक्की की राह पर अग्रसर है। चिनाब, जेहलम, सिंधु जैसी नदियों ने राज्य को 14000 मैगावाट की बिजली दोहन क्षमता से मालामाल किया है। अब तक सिर्फ 2500 का दोहन संभव हुआ है। राज्य में बिजली संकट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि केंद्रीय जनरेटिंग स्टेशनों से मिलने वाली बिजली सप्लाई बढ़कर 1664 मैगावाट हो गई है फिर भी राज्य में बिजली की किल्लत है। उन्होंने ऐलान किया कि बिजली की कमी पर काबू पाने के लिए केंद्र से राज्य को 150 मैगावाट अतितिरक्त बिजली मिलेगी। उन्होंने नीमो बाजगो व चूतक प्रोजेक्ट से मिल रही 89 मैगावाट बिजली का हवाला देते हुए कहा कि जल्द उड़ी-2 भी शुरू हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर की तरक्की के लिए एनएचपीसी ने रियासत के पांच आईटीआई सस्थानों की हालात बेहतर बनाने का जिम्मा उठाया है। दो अन्य संस्थानों को भी एनएचपीसी जल्द अपनाएगी। इसके साथ पावर बिग्रेड कारपोरेशन 1629 करोड़ की लागत से श्रीनगर-लेह ट्रांसमीशन लाइन बिछाएगा। इससे लद्दाख को बिजली सप्लाई की जाएगी।

राज्य के हालात में बेहतरी का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि पहले के मुकाबले 2012 काफी हद तक शांत रहा। ऐसे हालात में राज्य सरकार को चाहिए कि वह लोकतांत्रिक संस्थानों में लोगों की भागीदारी भी सुनिचित करे। राज्य के आवाम के भविष्य को बेहतर बनाने के लिए विकास योजनाओं की कामयाबी को जरूरी करार देते हुए उन्होंने कहा कि इसके लिए जमीनी सतह पर हालात बेहतर होना जरूरी। हर सतह पर होने वाले चुनावों में लोगों की भागीदारी जरूरी है। इससे लोकतांत्रिक बुनियादी ढ़ांचा मजबूत होगा।

प्रधानमंत्री ने वर्ष 2004 के अपने राज्य दौरे का जिक्र करता हुए कहा कि हमने तरक्की के लिए 37 हजार करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट, योजनाएं मंजूर की थी।इसमें आतंकवाद प्रभावितों के पुनर्वास भी शामिल था। इनमें से 34 प्रोजेक्ट तैयार हैं। एक हजार करोड़ की लागत के प्रोजेक्ट लागू किए जा रहे हैं।

डोडा क्षेत्र के प्रति इंदिरा गांधी, राजीव गांधी के लगाव का हवाला देते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि यूपीए सरकार जम्मू कश्मीर के दूरराज इलाकों को जोड़ने के लिए राज्य को पूरा सहयोग दे रही है।

इसी मकसद के साथ कश्मीर के लोगों को रेलगाड़ी से जोड़ने के साथ मुगल रोड़ बनाया जा रहा है। पठानकोट-श्रीनगर सड़क के विस्तार व भद्रवाह-चंबा मार्ग बनने से भी राज्य को फायदा हागा।

सोनिया गांधी ने कहा कि गुलाम नबी आजाद के कार्यकाल में जम्मू कश्मीर में आठ नए जिले बनने के साथ लोगों की आकांक्षाएं पूरी हुई। वर्ष 2008 में बगलिहार प्रोजेक्ट से विकास हुआ अब रतले पन बिजली परियाजनाएं खुशहाली के नए रास्ते खोलेगी। अलबत्ता उन्होंने जोर दिया कि प्रोजेक्ट तैयार करते समय यहां लोगों को समय पर मुआवजा दिए जाएं वहीं यह भी सुनिश्चित हो कि इससे क्षेत्र के प्राकृतिक संतुलन को भी नुकसान न हो।

यूपीए अध्यक्ष ने आतंकवाद प्रभावित राज्य में अमन व विकास के प्रति लोगों की संकल्प की सराहना की। उन्होंने कहा कि राज्य के युवाओं में प्रतिभा की कोई कमी नही है। वह आईएएस, आईपीएस में स्थान हासिल करने वाले राज्य के युवाओं को मुबारकबाद देती हैं।

वहीं युवाओं को रोजगार देने के लिए शुरू हुई उडान व हिमायत योजनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर की महिलाएं खुद को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उम्मीद योजना को लाभ उठाएं। उन्होंने कहा किराहुल गांधी व उमर अब्दुल्ला द्वार हाल ही में शुरू की गई इस योजना से 9 लाख महिलाओं को फायदा होगा।

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