मुफ्ती-अब्दुल्ला से कश्मीर को मिले मुक्तिः मोदी
जम्मू- कश्मीर विधानसभा चुनाव प्रचार की अपनी पहली रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रदेश को परिवारवाद से मुक्ति दिलाने का आह्वान किया। किश्तवाड़ के सर्द भरे मौसम में मोदी ने वादों और दावों की सियासत से जनता में जोश भर दिया। प्रदेश में नए दौर की शुरुआत का संकल्प
जागरण ब्यूरो, श्रीनगर। जम्मू- कश्मीर विधानसभा चुनाव प्रचार की अपनी पहली रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रदेश को परिवारवाद से मुक्ति दिलाने का आह्वान किया। किश्तवाड़ के सर्द भरे मौसम में मोदी ने वादों और दावों की सियासत से जनता में जोश भर दिया। प्रदेश में नए दौर की शुरुआत का संकल्प लेते हुए कहा, कश्मीर को मुफ्ती-अब्दुल्ला से मुक्ति दिलाने का समय आ गया है। समग्र विकास के लिए परिवारवाद की राजनीति को छोड़ भाजपा को स्पष्ट बहुमत दें। एक दिन पहले झारखंड की रैली में भी प्रधानमंत्री ने झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन व उनके बेटे हेमंत सोरेन पर निशाना साधा था।
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस, नेशनल कांफ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला और पीडीपी के मुफ्ती मुहम्मद सईद का नाम लिए बिना उन पर प्रदेश को पीछे ले जाने का आरोप लगाया। कहा, खानदानी और भ्रष्ट राज से मुक्ति के लिए लोग यहां पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएं। जनता से संवाद करते हुए कहा, मैं आपका प्रधान सेवक हूं और आपके लिए हमेशा मौजूद रहूंगा। अगर गुजरात के कच्छ का विकास हो सकता है तो कश्मीर का क्यों नहीं? इसके लिए परिवारवाद की राजनीति से छुटकारा पाना होगा। जम्मू-कश्मीर के लोग बहुत इमानदार हैं और यह सबसे बड़ी ताकत है। हालांकि यहां पिछले 50 सालों में दो ही खानदानों का राज रहा है, इन लोगों से विकास की बाबत सवाल पूछा जाए। दोनों परिवारों में मिलीभगत है। एक कहता है कि पहले हम लूट लेते हैं और जब लोग गालियां निकालें तो तुम आ जाना।विकास के लिए पैसे की कमी नहीं
मोदी ने कहा, प्रदेश के विकास के लिए केंद्र के पास पैसे की कमी नहीं है, लेकिन वह बाल्टी कैसे भरेगी, जिसमें छेद हो। यहां चिनाब जैसी कई निर्मल नदियां और दरिया हैं, लेकिन कश्मीर के लोग प्यासे हैं। पूरी दुनिया में पर्यटन तरक्की कर रहा है, लेकिन जम्मू-कश्मीर में यह पतन की ओर है।
शरणार्थियों की समस्या राष्ट्रीय जिम्मेदारी
प्रधानमंत्री ने प्रदेश में शरणार्थियों की समस्या को हल करने का यकीन दिलाते हुए कहा कि मैं इस मसले को राष्ट्रीय जिम्मेदारी मानता हूं। जम्मू- कश्मीर में पिछले 50 साल से शरणार्थियों का मुद्दा है। हम इस समस्या को हल करेंगे। मैं भरोसा दिलाता हूं कि हर एक रिफ्यूजी को इंसाफ मिलेगा।