'मन की बात' के जरिए पीएम ने दी टीम इंडिया को मैच के लिए शुभकामनाएं
चुनाव आयोग से अनुमति मिलने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज एक बार फिर रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के जरिए देश के लोगों के साथ अपने विचार साझा कर किए।
नई दिल्ली। चुनाव आयोग से अनुमति मिलने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज एक बार फिर रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के जरिए देश के लोगों के साथ अपने विचार साझा किए। प्रधानमंत्री ने आज भारत और आस्ट्रेलिया के बीच होने वाले टी20 वर्ल्ड कप मैच के लिए दोनों टीमों को अपनी शुभकामनाएं दी।
प्रवास पर रखें स्वच्छता का ध्यान
पीएम ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि इन छुट्टियों में जब प्रवास पर जाएं, तो स्वच्छता पर ध्यान दें जिसमें आप कुछ योगदान दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि ज़िन्दगी को बनाने के लिए प्रवास की एक बहुत बड़ी ताक़त होती है और अब भारत के युवकों में,प्रवास में साहस जुड़ता चला जा रहा है। उन्होंने कहा कि शायद हिन्दुस्तान का कोई जिला नहीं होगा, जहां मुझे जाने का अवसर न मिला हो।
फुटबॉल विश्वकप की मेजबानी पर लोगों से एप के जरिए मांगे सुझाव
भारत 2017 में होने वाले फीफा अंडर-17 फुटबॉल विश्व कप की मेजबानी को लेकर पीएम ने कहा कि मैं चाहूंगा कि मेरा हर नौजवान 2017 में फीफा अंडर- 17 विश्व कप का अम्बेसडर बने। उन्होंने फीफा अंडर- 17 विश्व कप को लेकर लोगों से NarendraModiApp पर सुझाव भेजने की अपील की। पीएम ने कहा कि हम सबकी कोशिश होनी चाहिये कि हम फुटबॉल को गाँव-गाँव, गली-गली कैसे पहुँचाएं।
किसानों के लिए किसान सुविधा App
प्रधानमंत्री ने कहा कि आपको खुशी होगी कि एक ‘किसान सुविधा एप’ सभी की सेवा में प्रस्तुत किया है जिसके माध्यम से कृषि सम्बन्धी, मौसम सम्बन्धी जानकारियाँ हथेली में ही मिल जाएँगी। उन्होंने इस एप को डाउनलोड करने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र में तकनीक के आने से बदलाव आया है,लेकिन अभी खेतों तक उसे पहुंचाना है, किसान कहने लगा है कि अब फर्टिलाइजर कम करना है। उन्होंने कहा अधिक फर्टिलाइजर के दुरुपयोग ने हमारी धरती मां को बीमार कर दिया है। पीएम ने कहा कि हर चीज़ संतुलित होनी चाहिये। हमारा तो मत है- कम कॉस्ट, ज्यादा आउटपुट। वैज्ञानिक तौर-तरीकों से हमें कृषि को आगे बढ़ाना चाहिए।
पानी का करना होगा संरक्षण
जल संरक्षण पर जोर देते हुए पीएम ने कहा कि हमें सोचना होगा कि पानी के बिना क्या होगा? क्या हम पुरानी जगहों को फिर से खुदाई, सफ़ाई करके जल-संचय के लिये तैयार कर सकते हैं? बारिश में बूंद-बूंद पानी कैसे बचाएं? गांव का पानी गांव में रहे, ये अभियान कैसे चलाएं? उन्होंने लोगों से आग्रह करते हुए कहा कि आप योजना बनाइए, सरकार की योजनाओं से जुड़िए।