जान, माल की हानि रोकने को पीएम मोदी ने जारी की विशेष योजना
बाढ़, भूस्खलन से आशंकित चार राज्यों में विशेष टीमें गठित कर दी गई तथा देश के एक दर्जन क्षेत्रों में अलर्ट घोषित किया गया।
नई दिल्ली, आइएएनएस, प्रेट्र। प्राकृतिक आपदाओं के समय जान व माल की हानि रोकने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को यहां पहली राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन योजना जारी की।
एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि सेंदाई फ्रेमवर्क पर आधारित इस योजना में आपदा की रोकथाम, उसकी गंभीरता-तीव्रता कम करने, बचाव के उपाय तथा पुनरोद्धार जैसे पहलुओं को शामिल किया गया है। सरकारी विभागों, एजेंसियों के बीच सभी स्तरों पर समन्वय की व्यवस्थाएं भी इसमें शामिल हैं।
सेंदाई फ्रेमवर्क को 18 मार्च,2015 को संयुक्त राष्ट्र ने जापान के सेंदाई शहर में आपदा के खतरों को कम करने के लिए आयोजित विश्व कांफ्रेंस में स्वीकार किया था। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन योजना में पंचायतों से लेकर अन्य स्थानीय निकायों की भूमिका निर्धारित की गई है। आपदा प्रबंधन को विकास योजना से भी जोड़ा गया है। योजना पूरी तरह क्षेत्रीय दृष्टिकोण पर आधारित है। तत्काल चेतावनी, सूचना के प्रसार, चिकित्सा देखरेख, ईधन आपूर्ति, परिवहन व्यवस्था, बचाव के उपाय तलाश करने, आपदा प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को निकालने के उपायों के लिए योजना में प्रभावशाली दिशा निर्देश दिए गए हैं।
बाढ़ को लेकर देश में 12 जगहों पर अलर्ट जारी, विशेष टीमें तैनात
मानसून के मद्देनजर राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने राहत व बचाव के एहतियाती प्रबंधों को अंतिम रूप दे दिया है। बाढ़, भूस्खलन से आशंकित चार राज्यों में विशेष टीमें गठित कर दी गई तथा देश के एक दर्जन क्षेत्रों में अलर्ट घोषित किया गया। पिछले अनुभवों से सबक लेते हुए केंद्रीय बल ने पहली बार पूर्व तैनाती तथा बचाव की अतिरिक्त व्यवस्था की है।
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केंद्रीय बल ने उत्तराखंड के देहरादून, अल्मोड़ा, रूद्रप्रयाग और उत्तरकाशी तथा असम के करीमगंज, झारखंड की राजधानी रांची तथा उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में एक-एक टीम को तैनात कर दिया है। एनडीआरएफ के एक हजार कर्मचारी सौ नौकाओं के साथ मौसमी आपदा से बचाव के लिए मुस्तैद रहेंगे। पश्चिम बंगाल, असम, त्रिपुरा, सिक्किम, राजस्थान, दिल्ली, बिहार, तेलंगाना, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, मिजोरम, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में भी एनडीआरएफ की टीमें स्थायी तौर पर तैनात कर दी गई हैं।
एनडीआरएफ के महानिदेशक ओपी सिंह ने बताया कि सभी राज्य सरकारों से हम लगातार संपर्क में रहेंगे ताकि वर्षा, बाढ़, भूस्खलन के खतरों को न्यूनतम किया जा सके। हमने विभिन्न राज्यों में दस हजार कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया है।