'मन की बात' में पीएम ने कहा 'भूकंप के कारण मन व्यथित हैं'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज आकाशवाणी पर देशवासियों से सातवीं बार 'मन की बात' की। इसका क्षेत्रीय भाषाओं में रात आठ बजे आकाशवाणी के सभी केन्द्रों से प्रसारण किया जायेगा। 'मन की बात' की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज मन की बात करने का मन नहीं हो रहा
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज आकाशवाणी पर देशवासियों से सातवीं बार 'मन की बात' की। इसका क्षेत्रीय भाषाओं में रात आठ बजे आकाशवाणी के सभी केन्द्रों से प्रसारण किया जायेगा।
'मन की बात' की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज मन की बात करने का मन नहीं हो रहा था। बोझ अनुभव कर रहा हूं, कुछ व्यथित सा मन है। शनिवार को भयंकर भूकंप ने पूरे विश्व को हिला दिया है। ऐसा लगता है मानो प्राकृतिक आपदा का सिलसिला चल पड़ा है। मैंने 26 जनवरी, 2001 को कच्छ के भूकंप को निकट से देखा है। ये आपदा कितनी भयानक होती है, उसकी मैं कल्पना भली-भांति कर सकता हूं।
पीएम ने कहा कि नेपाल पर क्या बीतती होगी, उन परिवारों पर क्या बीतती होगी, उसकी मैं कल्पना कर सकता हूं। लेकिन मेरे प्यारे नेपाल के भाइयो-बहनो, हिन्दुस्तान आपके दुःख में आपके साथ है। सबसे पहला काम है रेस्क्यू ऑपरेशन, लोगों को बचाना। अभी भी मलबे में दबे हुए कुछ लोग जीवित होंगे, उनको जिन्दा निकालना हैं।
पीएम ने कहा कि हमारी पूरी कोशिश रहेगी कि अधिकतम लोगों को जिन्दा बचाएं। रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद रिलीफ का काम भी चलाना है। रिहैबिलिटेशन का काम भी तो बहुत लम्बा चलेगा, लेकिन मानवता की अपनी एक ताकत होती है। भारत के सवा-सौ करोड़ देशवासियों के लिए नेपाल अपना है। उन लोगों का दुःख भी हमारा दुःख है। दुनिया में भारत का ये 'सेवा परमो धर्मः', इसकी अनुभूति विश्व ने की है।
उन्होंने कहा कि हम पूज्य बाबा साहेब अम्बेडकर की 125 वीं जयन्ती का वर्ष मना रहे हैं। कई वर्षों से मुंबई में उनके स्मारक बनाने का जमीन का विवाद चल रहा था। मुझे आज इस बात का संतोष है कि भारत सरकार ने वो जमीन बाबा साहेब अम्बेडकर के स्मारक बनाने के लिए देने का निर्णय कर लिया। बाबा साहेब अम्बेडकर जीवन भर शिक्षित बनो ये कहते रहते थे, इसलिए हम चाहते हैं कि हमारे गांव में, नगर में, मोहल्ले में गरीब से गरीब की बेटी या बेटा, अनपढ़ न रहे।
नरेंद्र मोदी ने सायना नेहवाल और सानिया मिर्जा की बात करते हुए कहा कि मुझे इस बात का गर्व होता है कि भारत की दो बेटियों ने देश के नाम को रौशन किया। वहीं भारतीय क्रिकेट टीम की विश्व कप में हार पर बोलते हुए पीएम ने कहा कि क्रिकेट में जब हम ऑस्ट्रेलिया से हार गए तो लोगों ने भारतीय टीम के बारे में बहुत बुरा-भला कहा, यह सही नहीं है।
मन की बात का सातवां संस्करण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इससे पहले छह बार मन की बात कर चुके हैं। मन की बात का यह सातवां संस्करण है। पिछले छह संस्करणों में उन्होंने लोगों के साथ स्वच्छ भारत, खादी को बढ़ावा, कौशल विकास, विकलांग बच्चों को छात्रवृत्ति, शैक्षणिक संस्थानों के लिए बुनियादी ढांचा, नशीले पदार्थों के खतरे और किसानों से जुड़े मुद्दों पर अपने दिल की बात कही।
22 मार्च के पिछले प्रसारण में उन्होंने किसानों की परेशानियों पर बात की और कहा कि सरकार उनकी समस्याओं के समाधान के लिए उचित और तेजी से कदम उठाएगी और उन्हें कठिन परिस्थितियों से निकालने के लिए हर संभव मदद करेगी।
एक अन्य संस्करण में प्रधानमंत्री ने छात्रों से आग्रह किया कि वे अपनी परीक्षा का तनाव और चिंताएं त्याग दें तथा सकारात्मक सोच अपनाएं। उन्होंने अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की भारत यात्रा के दौरान 'मन की बात' कार्यक्रम के जरिये अनेक मुद्दों पर लोगों के साथ विचारों का आदान-प्रदान किया।
प्रधानमंत्री ने MyGov.in के जरिये अपने विचारों को बांटने के लिए लोगों को समय-समय पर आमंत्रित किया है। इस कार्यक्रम को देश भर की जनता की उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया मिली।