पीएम मोदी बोले, सस्ता और सुगम न्याय होनी चाहिए प्राथमिकता
मुख्यमंत्रियों और हाइकोर्ट के मुख्य न्यायधीशों की संयुक्त कॉन्फ्रेंस में पीएम मोदी ने कहा कि सस्ता और बाधारहित न्याय दिलाना ही पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।
By Lalit RaiEdited By: Updated: Sun, 24 Apr 2016 11:34 AM (IST)
नई दिल्ली( एएनआई)। मुख्यमंत्रियों और हाइकोर्ट के मुख्य न्यायधीशों की संयुक्त कॉन्फ्रेंस में पीएम मोदी ने कहा कि सस्ता और बाधारहित न्याय दिलाना ही पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। देश की 125 करोड़ जनता की आस्था न्यायपालिका पर टिकी हुई है। त्वरित न्याय भी विकास का अनिवार्य अंग है। कार्यपालिका हो या न्यायपालिका इनमें परस्पर सामंजस्य की जरूरत है। टकराव के रास्ते पर चलकर हम बेहतर भारत का निर्माण नहीं कर सकते हैं।
एससी/एसटी कानूनों में बदलाव, अब दलितों को जल्द मिलेगा न्याय उन्होंने कहा कि ये हम सबकी जिम्मेदारी है कि हम किन तरीकों को अपनाकर लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरते हैं। कार्यपालिका और न्यायपालिका एक दूसरे की पूरक हैं । ऐसे में हम बहस में पड़ने की जगह सुधारों के रास्ते पर तेजी से आगे चल सकते हैं ताकि देश के सामान्य जन को ऐहसास हो कि वो ऐसे भारत में रह रहे हैं जहां उनकी दिक्कतों पर बिना किसी पूर्वाग्रह के कार्रवाई होती है। पीएम ने कहा कि सत्ता में आने के बाद उनकी सरकार ने ये फैसला किया है कि उन कानूनों को खत्म कर दिया जाए जिसकी आज के जमाने में उपयोगिता नहीं है। कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए मुख्य न्यायधीश टी एस ठाकुर ने कहा कि जजों को सेवाकाल के बाद होने वाले लाभों की जगह ऐसे उपायों पर बल देना चाहिए जो न्याय के हित में हो। अदालतों पर लंबित केसों की बढ़ती हुई संख्या पर उन्होंने कहा कि ऐसे तौर तरीकों को अपनाने की जरूरत है जिससे लोगों का न्याय जल्द से जल्द से मिल सके। और न्यायपालिका की गरिमा बरकरार रहे।