पीएमओ ने दी सीबीआइ को चुनौती
कोयला ब्लाक आवंटन मामले में कुमार मंगलम बिड़ला और पूर्व कोयला सचिव पीसी पारेख के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने से उपजे विवाद पर अंतत: प्रधानमंत्री कार्यालय ने अपनी चुप्पी तोड़ ही दी। आदित्य बिड़ला समूह की कंपनी हिंडाल्को को तालाबीरा (दो) कोयला ब्लाक आवंटित करने को प्रधानमंत्री कार्यालय ने सही ठहराते हुए सीबीआ
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कोयला ब्लाक आवंटन मामले में कुमार मंगलम बिड़ला और पूर्व कोयला सचिव पीसी पारेख के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने से उपजे विवाद पर अंतत: प्रधानमंत्री कार्यालय ने अपनी चुप्पी तोड़ ही दी। आदित्य बिड़ला समूह की कंपनी हिंडाल्को को तालाबीरा कोयला ब्लाक आवंटित करने को प्रधानमंत्री कार्यालय ने सही ठहराते हुए सीबीआइ की कार्रवाई को कठघरे में खड़ा कर दिया है। वैसे पीएमओ ने यह तो माना है कि कोयला ब्लाक आवंटन पर गठित स्क्रीनिंग समिति के फैसले को बदल कर हिंडाल्को को उक्त ब्लाक दिया गया, लेकिन इसमें कहीं भी नियमों का उल्लंघन नहीं माना गया। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने हर तथ्यों को ध्यान में रखते हुए इस फैसले की जिम्मेदारी ली, इसके जवाब में भाजपा ने प्रधानमंत्री का इस्तीफा मांगा है।
पढ़ें: पीएम के खिलाफ विपक्ष के साथ पूर्व अफसर भी हुए एकजुटशनिवार शाम पीएमओ ने विस्तृत बयान जारी कर माना कि कोयला ब्लाक आवंटन पर अंतिम फैसला प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने ही किया था। 2005 के उस सारे घटनाक्रम का सिलसिलेवार जिक्र करते हुए पीएमओ ने बताया कि किस तरह कुमार मंगलम बिड़ला की कंपनी हिंडाल्को को कोयला ब्लाक आवंटित हुआ। पीएमओ के इस बयान ने बिड़ला और पूर्व कोयला सचिव पीसी पारेख के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने के सीबीआइ के कदम पर भी सवाल उठा दिए हैं। सीधे तौर पर सीबीआइ ने जिन तर्को के आधार पर इन दोनों के खिलाफ एफआइआर की है, उसे पीएमओ ने खारिज कर दिया है।