दारोगा के खिलाफ पत्नी ने दर्ज कराया दुष्कर्म का मुकदमा
लखनऊ। साइबर क्राइम सेल लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में तैनात दरोगा परमहंस गुप्ता के खिलाफ उनकी पहली पत्नी ने दुष्कर्म के साथ धोखाधड़ी, मारपीट व बंधक बनाने समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है। आरोपी ने अपनी पहली पत्नी से धोखे में तलाक ले लिया था। शनिवार को आरोपी दरोगा ने दूसरी शादी कर ली, जिसके बाद मामले की जानकारी हो
By Edited By: Updated: Mon, 10 Mar 2014 11:32 AM (IST)
लखनऊ। साइबर क्राइम सेल लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में तैनात दरोगा परमहंस गुप्ता के खिलाफ उनकी पहली पत्नी ने दुष्कर्म के साथ धोखाधड़ी, मारपीट व बंधक बनाने समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है। आरोपी ने अपनी पहली पत्नी से धोखे में तलाक ले लिया था। शनिवार को आरोपी दरोगा ने दूसरी शादी कर ली, जिसके बाद मामले की जानकारी होने पर पहली पत्नी ने महिला थाने में इसकी शिकायत की। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करने के बाद आरोपी की तलाश कर रही है।
मूलत: मुरादाबाद निवासी महिला की शादी आरोपी एसआइ परमहंस गुप्ता से 18 जनवरी 2013 को हुई थी। महिला के मुताबिक आरोपी ने शादी की जानकारी परिवारीजन को नहीं दी थी और उसको लेकर हजरतगंज कोतवाली परिसर के ट्रांजिट हॉस्टल में रहता था। इधर कुछ दिनों से आरोपी महिला से दूरी बनाने लगा और अक्सर ड्यूटी का बहाना कर घर नहीं आता था। संदेह होने पर महिला ने आरोपी परमहंस का मोबाइल फोन चेक किया तो पता चला कि आरोपी के एक अन्य युवती के संपर्क में है। महिला ने पूछताछ की तो आरोपी ने इससे इन्कार कर दिया था। चार मार्च को आरोपी परमहंस एक अपराधी को पकडऩे के लिए मुंबई जाने की बात कहकर घर से निकला और महिला को घर के अंदर बंद कर दिया। शनिवार को घर लौटा वीआइपी ड्यूटी में जाने की बात कहकर चला गया। देर शाम तक वापस नहीं आने पर महिला ने साइबर सेल क्राइम के कार्यालय में फोन पर संपर्क किया, जिसके बाद उसे घटना की जानकारी हुई। महिला रविवार सुबह महिला थाने पहुंची और पुलिस को घटना की जानकारी दी। आरोपी दरोगा परमहंस का कहना है कि उसने आपसी रजामंदी से पहली पत्नी से तलाक लिया था, जिसके बाद उसने दूसरी शादी की है। आरोपी ने धोखे में रखकर 16 फरवरी को कानपुर के एक कोर्ट में पहली पत्नी से तलाक ले लिया था।
पुलिस की भूमिका पर सवाल:-दारोगा परमहंस गुप्ता को मृतक आश्रित के रूप में 2008 में पुलिस विभाग में तैनाती मिली थी। महिला के मुताबिक दोनों 2009 में एक दूसरे के संपर्क में आए थे। दारोगा ने महिला के मोबाइल फोन पर अंजान नंबर से मैसेज किया था, जिसके बाद दोनों की बातचीत होने लगी थी। दारोगा वर्ष 2010 से महिला के घर आने जाने लगा था और उसने जनवरी 2013 में महिला से शादी रचा ली थी।
महिला शादी के बाद से हजरतगंज कोतवाली परिसर में बने हॉस्टल में रह रही थी और इसके बावजूद भी पुलिस महकमा महिला के बारे में जानकारी से इंकार कर रहा है। इस बयान से पुलिस की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। अक्सर रची झूठी कहानी:-महिला के मुताबिक आरोपी दारोगा के मोबाइल फोन से उसने दूसरी युवती का नंबर निकाला था और उससे बात भी की थी। बातचीत के दौरान दूसरी युवती ने खुद को आरोपी परमहंस का मंगेतर बताया था, जिसके बाद महिला को संदेह हुआ था। इधर, परमहंस को दोनों महिलाओं के बीच बातचीत की खबर लगी, जिस पर उसने एक झूठी कहानी रच दी। आरोपी ने अपने ऊपर दूसरी युवती के अलीगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराए जाने की बात पहली पत्नी से कही और बचाव में तलाक का नाटक करने को बोला। इस बीच आरोपी के अधिवक्ता मित्र महिला को कानुपर लेकर गए और दोनों का तलाक करा दिया। कोतवाली में खेल और किसी को खबर नहीं :-महिला का आरोप है दारोगा ने अलीगंज पुलिस को तलाक के कागजात दिखाने के बाद कागजात को जला देने की बात कही थी। शनिवार को महिला ने पति से तलाक के कागजात मांगे थे, जिस पर आरोपी दारोगा ने महिला से मारपीट की। महिला के शरीर पर चोट के निशान भी मिले हैं। सबसे खास बात तो यह है कि यह सारा खेल पिछले एक साल से कोतवाली परिसर के अंदर चल रहा था और किसी को कानों-कान खबर तक नहीं हुई। पीड़िता मुरादाबाद के एक कॉलेज में स्नातक तृतीय वर्ष की छात्रा है। होगा मेडिकल परीक्षण:-सीओ हजरतगंज व साइबर क्राइम सेल के प्रभारी दिनेश यादव का कहना है कि महिला का मेडिकल परीक्षण कराया जा रहा है। महिला का बयान कोर्ट में दर्ज कराया जाएगा। आरोपी दारोगा के हॉस्टल में महिला के साथ रहने की जानकारी उन्हें नहीं थी। कानून सबके लिए बराबर है और इस मामले में आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। घर में बंद रहती थी महिला:-दारोगा परमहंस ने महिला के घर से बाहर निकलने पर पाबंद लगा दिया था और उसको घर में बंद रखता था। महिला का आरोप है कि एक वर्ष से आरोपी ने उसे किसी भी व्यक्ति से मिलने नहीं दिया और न ही उसे बाहर निकलने देता था। तो रुक जाती शादी:- सूत्रों के मुताबिक हजरतगंज कोतवाली में आरोपी दारोगा की शादी के चर्चे दो दिन से चल रहे थे, लेकिन कोई कुछ बोल नहीं रहा था। इधर, कई दिनों तक दारोगा के घर वापस नहीं आने पर महिला ने साइबर क्राइम सेल में फोन कर परमहंस के बारे में जानकारी मांगी थी। पुलिसकर्मियों के महिला की पहचान पूछने पर उसने खुद का परिचय दारोगा की पत्नी के रूप में दे दिया था। वहीं इस मामले की जानकारी होने के बाद भी साथी पुलिसकर्मियों ने महिला को वास्तविकता की जानकारी नहीं दी थी। नहीं उतर रहा है इश्क का भूत:-लखनऊ में पुलिसकर्मियों से आशिकी का भूत उतरने का नाम नहीं ले रहा है। सिपाहियों पर लग रहे महिला उत्पीडऩ के आरोपों से महकमा दागदार हो रहा है। पुलिस विभाग में महिला उत्पीड़न का यह कोई पहला मामला नहीं है। इसके पहले भी तीन सितंबर को महिला पुलिसकर्मी ने तत्कालीन अलीगंज एसओ पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया था। एसओ ने महिला पुलिसकर्मी के हाथ पर आइ लव यू लिख दिया था, जिसके बाद महिला सिपाही ने मामले की शिकायत उच्चाधिकारियों से की थी। अपहृत युवती से सामूहिक दुष्कर्म फिरोजाबाद में युवती का अपहरण कर गैंगरेप बाद में एसओ को लाइन हाजिर कर दिया गया था। सर्विलांस प्रभारी रहे संजय राय ने चार जून को प्रेम प्रसंग में मासूम माज की हत्या करवा दी थी। संजय राय ने जिस बालक की हत्या करवाई थी वह उनकी पूर्व प्रेमिका का फूफेरा भाई था। मामला शांत भी नहीं हुआ है। 21 सितंबर को पुलिस लाइन में तत्कालीन आरआइ कुलभूषण ओझा का एक महिला सिपाही से छेड़छाड़ का मामला प्रकाश में आया। इधर, पुलिस महकमा इन सभी मामलों से उबर भी नहीं पाया था कि दिसंबर माह में तत्कालिन विभूतिखंड एसओ पर एक महिला आरक्षी ने छेड़छाड़ का आरोप लगाकर सनसनी फैला दी। हालांकि अभी इस मामले की जांच चल रही है।