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'मर्दानी' ममता के साथ छेड़छाड़ मामले में सपा नेता के बेटे को बचा रही पुलिस

एक ओर बहादुर ममता यादव को मुख्यमंत्री की ओर से एक लाख रुपये का चेक दिया जा रहा है, तो दूसरी और सियासी दबाव में पुलिस सपा जिला पंचायत सदस्य के आरोपी बेटे को बचाने में जुटी हुई है। अभी तक उसकी सेंट्रो भी नहीं पकड़ी जा सकी है। साथ ही दूसरे आरोपी को भी गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है, जबकि पीड़िता सामने आकर छेड़छाड

By Edited By: Updated: Sat, 23 Aug 2014 04:43 PM (IST)

लखनऊ। एक ओर बहादुर ममता यादव को मुख्यमंत्री की ओर से एक लाख रुपये का चेक दिया जा रहा है, तो दूसरी और सियासी दबाव में पुलिस सपा जिला पंचायत सदस्य के आरोपी बेटे को बचाने में जुटी हुई है। अभी तक उसकी सेंट्रो भी नहीं पकड़ी जा सकी है। साथ ही दूसरे आरोपी को भी गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है, जबकि पीड़िता सामने आकर छेड़छाड़ का आरोप लगा रही है।

इंस्पेक्टर सिविल लाइन आरोपियों को बचाने की जुगत में पूरी तरह से जुटे हुए हैं। सिविल लाइन थाने के कचहरी पुल के पास सेंट्रो सवार सलाहपुर निवासी जिला पंचायत सदस्य विचित्र का बेटा गगन अपने दोस्त विशाल निवासी बना, थाना मवाना के साथ जा रहा था। तभी सामने से पति के साथ स्कूटी पर आ रही शताब्दी नगर की ममता यादव को कार से टक्कर लग गई। युवकों ने उसके साथ छेड़छाड़ शुरू कर दी। मामले की जानकारी मिलने के बाद विशाल का भाई अंकित ककराना भी मौके पर पहुंच गया। पुलिस ने तत्काल रिपोर्ट दर्ज कर अंकित ककराना को जेल भेज दिया, जबकि सपा नेता के बेटे व मुख्य आरोपी गगन को पुलिस नहीं पकड़ रही है। अभी तक उसकी कार भी पुलिस बरामद नहीं कर सकी।

माना जा रहा है कि पुलिस पर एक ओर सपा नेताओं का दबाव है तो दूसरी तरफ इस कार्रवाई का मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी संज्ञान लिया है। आरोपियों का कहना है कि उन्होंने मारपीट की है, छेड़छाड़ का आरोप उन पर फर्जी लगाया जा रहा है। इंस्पेक्टर आलोक सिंह का कहना है पुलिस सही कार्रवाई कर रही है।

बेटी ने लोहा लिया, भीड़ ने पहनी चूड़िया

भय और आतंक के साए में सांस ले रहे मेरठ में अब महिलाओं ने खुद पर भरोसा करना सीख लिया है। मंगलवार सुबह कचहरी के पास भीड़ के बीच एक लड़की ने अपनी अस्मिता और पति की रक्षा के लिए हमलावरों पर धावा बोल दिया। इस दौरान वर्दी तमाशबीन बनी रही तो नैतिकता का प्रवचन करने वाले बुत बन गए। लोग लफंगों पर टूट पडऩे बजाए दृश्य को अपने मोबाइल के कैमरे में कैद कर रहे थे।

कचहरी पुल के पास सुबह करीब 11 बजे कार में सवार कुछ मनचले बाइक पर पति के साथ जा रही युवती पर छींटाकशी करते चल रहे थे। इसी दौरान मनचलों ने कार बाइक में भिड़ा दी। जब बाइक सवार पति-पत्नी ने इसका विरोध किया तो मनचलों ने गाली- गलौज करते हुए पति पर हमला बोल दिया। यह सब देख युवती असहज हो गई। आसपास नजर घुमाकर देखा, तो पूरी भीड़ बेजान नजर आई। बुजदिल जमाने में उसे कोई अपना नहीं लगा। पास में खड़े पुलिस के जवानों में भी कोई हरकत नहीं हुई। लफंगों के हाथ से पिट रहे अधेड़ व्यक्ति को छुड़ाने के लिए कोई हाथ आगे नहीं बढ़ा।

बेशर्मी की हद तो तब पार हो गई जब कइयों ने मारपीट सीन पर अपने मोबाइल के कैमरे की फ्लैश डालनी शुरू कर दी। भय की आबोहवा में कायर होते जा रहे समाज का घिनौने चेहरे ने युवती के अंदर हौसला भर दिया। उसने ताल ठोंकी और आधा दर्जन लड़कों से अकेले मुकाबला करते हुए उन्हें भागने पर मजबूर किया। लफंगे युवाओं ने युवती पर काबू जमाने की भरपूर कोशिश की, किंतु नारी की शक्ति और स्वाभिमान ने उनके पैर उखाड़ दिए। मामला बिगड़ता देख जब भी युवाओं ने भागने का प्रयास किया तो युवती ने उनका रास्ता रोक लिया। तमाशबीन व जड़ हो चुकी भीड़ भी दृश्य को देख शर्मसार हो गई। कइयों ने बाद में युवती के समर्थन में आवाज ऊंची करने की कोशिश की, जिसे युवती ने डांटकर चुप करा दिया।

बहरहाल, लफंगों के आतंक से भयभीत भीड़ को युवती ने बहादुरी से अन्याय के खिलाफ लडऩे का संदेश दिया। लगे हाथ पुलिस को आइना दिखाया।

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