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पर्दे के पीछे भी जीएसटी को लेकर कसरत तेज

पर्दे के पीछे जारी वार्ताओं के आधार पर सरकार के रणनीतिकारों को भी उम्मीद है कि मानसून सत्र में जीएसटी बिल पारित हो सकता है।

By Gunateet OjhaEdited By: Updated: Tue, 19 Jul 2016 09:49 PM (IST)
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जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। ऐतिहासिक जीएसटी बिल को पारित कराने के लिए सरकार और कांग्रेस के बीच होनेवाली अहम बैठक से पूर्व पर्दे के पीछे फार्मूला निकालने की कसरत तेज हो गई है। समझा जाता है कि वित्तमंत्री अरुण जेटली और कांग्रेस नेता आनंद शर्मा के साथ अनौपचारिक बातचीत के दौर जारी हैं। पर्दे के पीछे जारी वार्ताओं के आधार पर सरकार के रणनीतिकारों को भी उम्मीद है कि मानसून सत्र में जीएसटी बिल पारित हो सकता है।

इस बीच मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी अपने सांसदों का जीएसटी को लेकर मन टटोल सकती हैं। सूत्रों के अनुसार सरकार के साथ जारी अनौपचारिक चर्चाओं के दौर में कांग्रेस जीएसटी के संविधान संशोधन बिल में कैपिंग के प्रावधान को शामिल करने की जिद् छोड़ने का संकेत दे रही है। मगर पार्टी ऐसा प्रावधान चाहती है कि कैपिंग को सरकार कार्यकारी आदेश से घटा-बढ़ा न सके बल्कि इसके लिए उससे संसद की मंजूरी लेना हो।

इस लिहाज से अलग से विधायी रास्ते निकालने के प्रस्तावों पर मशक्कत चल रही है। जबकि वित्तमंत्री जेटली से मिलने आए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फिर से स्पष्ट किया है कि वह कैपिंग के खिलाफ हैं। इससे राज्य को नुकसान होगा। चर्चा में रहे जीएसटी को लेकर सरकार और कांग्रेस सतर्कता भी बरत रही है। दोनों इस बार जीएसटी पर फार्मूला निकालने के लिए हो रही वार्ताओं पर एक दूसरे की बातों को सावर्जनिक करने से बच रहे हैं। हालांकि जीएसटी पर वार्ताओं के दौर को लेकर कांग्रेस लगातार सकारात्मक संकेत देने की कोशिश कर रही है।

पार्टी प्रवक्ता गौरव गोगोई ने कहा कि हमारी चिंताओं को सरकार दूर कर दे तो हम जीएसटी को पारित कराने को तैयार हैं। सरकार के अलावा गैर कांग्रेसी विपक्षी राजनीतिक दलों की जीएसटी पर व्यापक सहमति के मद्देनजर कांग्रेस भी दबाव में है। इसलिए माना जा रहा है कि मंगलवार को कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी अपने सांसदों से तमाम सियासी मुद्दों के अलावा जीएसटी पर चर्चा करेंगी।

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