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गडकरी की नजर में बजट गरीब देश को अमीर बनाने वाला

बजट में मेरी लगभग सौ फीसद मांगों को मान लिया गया है। कुछ में तो अपेक्षा से अधिक आवंटन मिला है। इसके लिए मैं वित्त मंत्री का शुक्रगुजार हूं। यह अर्थव्यवस्था व रोजगार को बढ़ाने वाला क्रांतिकारी बजट है। इसमें किसान, ई-गवर्नेस व टेक्नोलॉजी पर जोर है। यह अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप और गरीब देश को अमीर बनाने के लिए है।

By Edited By: Updated: Fri, 11 Jul 2014 10:13 AM (IST)
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नई दिल्ली। बजट में मेरी लगभग सौ फीसद मांगों को मान लिया गया है। कुछ में तो अपेक्षा से अधिक आवंटन मिला है। इसके लिए मैं वित्त मंत्री का शुक्रगुजार हूं। यह अर्थव्यवस्था व रोजगार को बढ़ाने वाला क्रांतिकारी बजट है। इसमें किसान, ई-गवर्नेस व टेक्नोलॉजी पर जोर है। यह अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप और गरीब देश को अमीर बनाने के लिए है।

ग्रामीण विकास व सड़कों के लिए 55-60 फीसद धन मिला है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना को 14,389 करोड़ मिलने से अब रुका काम तेज होगा। महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप को सस्ते कर्ज का लाभ अब 250 जिलों को मिलेगा। ग्रामीण उद्यमिता कार्यक्रम को बल मिलने से लाखों ग्रामीणों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। गांवों में आवास निर्माण के लिए एनएचबी को 8000 करोड़ रुपये का आवंटन अपेक्षा से अधिक है। वाटरशेड के तहत चेकडैम बनाने की 'नीरांचल योजना' भी जोरदार है। 27 राज्यों के 272 पिछड़े आदिवासी जिलों के लिए बीआरजीएफ में मदद बढ़ाई गई है। स्वच्छ पेयजल के लिए 3600 करोड़ मिले हैं। हालांकि जरूरत बहुत बड़ी है, जिसे पूरा करने के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर बांड जैसा प्रस्ताव हो सकता है।

सड़कों के लिए 37 हजार करोड़ आवंटन के साथ 3पी इंस्टीट्यूट का प्रावधान किया गया है। बांड के रूप में दो फीसद ब्याज पर पैसा खड़ा होगा। कल ही हमने 16 हजार करोड़ रुपये की राजमार्ग परियोजनाएं क्लियर की हैं। इससे पहले चालीस हजार करोड़ की परियोजनाओं की अड़चनों को दूर किया जा चुका है। शेष 1.89 लाख करोड़ की 181 परियोजनाओं की बाधाओं को भी जल्द ही दूर कर दिया जाएगा। लगभग दो साल में प्रतिदिन 30 किलोमीटर सड़कें बनने लगेंगी। इससे डेढ़-दो साल में जीडीपी में डेढ़-दो फीसद का इजाफा होगा।

गंगा में इलाहाबाद से हल्दिया तक 1620 किलोमीटर जलमार्ग के विकास के लिए 4200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इससे नदी को कम से कम 45 मीटर चौड़ा व पांच मीटर गहरा किया जाएगा। साथ ही, 23 जगहों पर छोटे-बड़े टर्मिनलों का निर्माण किया जाएगा, जहां किनारे होटल, रेस्त्रां, हैंडलूम व हस्तशिल्प केंद्र आदि खुलेंगे। बंदरगाह क्षेत्र में 80 हजार करोड़ का नया निवेश आएगा। भारत में बड़े पैमाने पर शिप बिल्डिंग का काम शुरू होगा।

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