रेलवे को सुधारने के लिए प्रभु ने लिया श्रीधरन का साथ
रेलवे के कामकाज में पारदर्शिता लाने, भ्रष्टाचार दूर करने तथा अफसरों की जिम्मेदारी तय करने के लिए रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने मेट्रोमैन ई. श्रीधरन की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है। समिति से दो हफ्ते में अंतरिम और तीन महीने में अंतिम रिपोर्ट देने को कहा गया
By Kamal VermaEdited By: Updated: Sat, 15 Nov 2014 09:23 AM (IST)
नई दिल्ली। रेलवे के कामकाज में पारदर्शिता लाने, भ्रष्टाचार दूर करने तथा अफसरों की जिम्मेदारी तय करने के लिए रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने मेट्रोमैन ई. श्रीधरन की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है। समिति से दो हफ्ते में अंतरिम और तीन महीने में अंतिम रिपोर्ट देने को कहा गया है।
नए रेल मंत्री सुरेश प्रभु रेल परियोजनाओं का तेजी से क्रियान्वयन चाहते हैं। उनका मानना है कि अफसरों की कार्यकुशलता बढ़ाए और कामकाज में पारदर्शिता लाए बगैर यह संभव नहीं है। इसलिए उन्होंने आते ही सबसे पहले यह निर्णय लिया है कि अब किसी भी टेंडर की फाइल रेल मंत्री की मेज पर नहीं आएगी। टेंडर तथा उससे संबंधित सभी प्रक्रियाओं पर महाप्रबंधक तथा उनके मातहत अफसरों के स्तर पर निर्णय लिए जाएंगे। इसके लिए उपयुक्त प्रक्रिया व प्रणाली तय करने की जिम्मेदारी उन्होंने अनुभवी श्रीधरन को सौंपी है। इसके पीछे एक मकसद प्रधानमंत्री के डिजिटल इंडिया व ई-गवर्नेस के मिशन को अमली जामा पहनाना भी है। प्रभु ने सभी अधिकारियों से कहा है कि मामलों को समय पर निपटाने के लिए वे मैनेजमेंट इन्फारमेशन सिस्टम (एमआइएस) का व्यापक रूप से उपयोग करें। यही नहीं, उन्होंने रेलवे बोर्ड से परियोजनाओं को जल्द पूरा करने वाले अफसरों को पुरस्कृत करने तथा ढिलाई बरतने वाले अफसरों को दंडित करने को भी कहा है। इसमें भी श्रीधरन मदद करेंगे। किसी जमाने में रेलवे बोर्ड में सदस्य, इंजीनियरिंग रहे श्रीधरन का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है। दिल्ली मेट्रो रेल तथा कोंकण रेलवे के प्रबंध निदेशक के रूप में उनके काम को देश-विदेश में सराहा गया है। दिल्ली मेट्रो में पारी पूरी करने के बाद भी 82 वर्षीय श्रीधरन को फुरसत नहीं है। उन्हें लखनऊ तथा कोच्चि मेट्रो रेल परियोजनाओं में विशेष सलाहकार के रूप जोड़ा गया है। उनकी क्षमताओं को देखते हुए रेल मंत्रालय समय-समय पर उनकी सेवाएं लेता रहता है। इससे पहले उन्हें डा. अनिल काकोदकर की अध्यक्षता में गठित रेलवे संरक्षा समिति में भी सलाहकार बनाया गया था।