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राष्ट्रपति ने सांसदों को सुनाई खरी-खरी

आप के जनलोकपाल विधेयक को लेकर उठे विवाद के बीच राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि केंद्र का हो या राज्य का संविधान में जैसा परिभाषित है, कानून की वैधता को जांचने का हक सिर्फ न्यायपालिका को है।

By Edited By: Updated: Mon, 10 Feb 2014 08:51 PM (IST)
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नई दिल्ली। आप के जनलोकपाल विधेयक को लेकर उठे विवाद के बीच राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि केंद्र का हो या राज्य का संविधान में जैसा परिभाषित है, कानून की वैधता को जांचने का हक सिर्फ न्यायपालिका को है। संसद एवं दूसरे लोकतांत्रिक संस्थानों और उनकी कार्यवाही को सशक्त बनाने के लिए जरूरी है कि सरकार, राजनीतिक पार्टियां, नेता और सांसद आत्मनिरीक्षण करें और संसदीय परंपरा और नियमों का पालन करें।

राष्ट्रपति संसद के सेंट्रल हॉल में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संसद का प्रमुख काम कार्यपालिका पर नियंत्रण और उसे जवाबदेह बनाने के लिए जनता को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक सभी मोर्चो पर सशक्त बनाने को कानून बनाना है।

राष्ट्रपति का यह बयान ऐसे समय में आया है जब दिल्ली सरकार का जन लोकपाल विधेयक को लेकर केंद्र से टकराव जारी है। मुखर्जी ने परोक्ष रूप से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सांसदों को नसीहत देते हुए कहा कि संसद बहस, चर्चा और निर्णयों के माध्यम से काम करती है बार-बार के व्यवधान से नहीं।

केजरीवाल का कहना है कि वह गृह मंत्रालय से अनुमति लिए बिना दिल्ली विधानसभा में जन लोकपाल विधेयक को पेश करेंगे। उन्होंने इस बारे में जारी निर्देशों को असंवैधानिक बताया है। केजरीवाल ने 12 साल पुराने उस आदेश को वापस लेने की मांग की है कि जिसमें दिल्ली विधानसभा में किसी भी विधेयक को पेश करने के पहले उसे केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा।

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राष्ट्रपति ने कहा कि कानून बनाने के लिए राजनीतिक पार्टियों को संसद की शुचिता का ध्यान रखना चाहिए। संविधान का पालन करना हर पार्टी का नैतिक दायित्व है। कोई भी कानून संविधान के दायरे में ही बनना चाहिए।

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सोमवार को संसद भवन के सेंट्रल हॉल में सेंट्रल लेजिस्लेटिव असेंबली के अध्यक्षों और पूर्व लोकसभा अध्यक्षों की तस्वीरों का अनावरण किया। राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय संसद हमारे लोकतंत्र की गंगोत्री है। ये सभी तस्वीरें और तैल चित्र हमें अपने कर्तव्यों और उत्तरदायित्वों की याद दिलाएंगे। इस अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, लोकसभा की नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज और कई पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मौजूद थे।

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