सीधे किसानों तक पहुंचे मोदी, कही 'मन की बात'
भूमि अधिग्रहण के मसले पर संसद से लेकर सड़क तक केंद्र सरकार को किसान विरोधी बता रहे विपक्ष को रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करारा जवाब दिया। अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के जरिये मोदी ने रविवार को देश के किसानों से सीधा संवाद किया।
By Sumit KumarEdited By: Updated: Sun, 22 Mar 2015 08:19 PM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भूमि अधिग्रहण के मसले पर संसद से लेकर सड़क तक केंद्र सरकार को किसान विरोधी बता रहे विपक्ष को रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करारा जवाब दिया। अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के जरिये मोदी ने रविवार को देश के किसानों से सीधा संवाद किया।
उन्होंने किसानों की आशंकाएं खत्म करने के साथ ही विधेयक के लिए सहमति बनाने का प्रयास किया। पुराने विधेयक पर सवाल खड़े किए और विपक्षी दलों की मंशा पर उंगली भी उठाई। आधे घंटे के रेडियो प्रसारण में मोदी ने कांग्रेस पर परोक्ष हमला करते हुए कहा कि कुछ लोग आज सड़क पर प्रदर्शन कर किसानों का हमदर्द बन रहे हैं। वे 120 वर्ष पुराने कानून के जरिये ही जमीन भी ले रहे थे और मुआवजा भी दे रहे थे। हमने किसानों के हित में बदलाव किया है। 13 ऐसी नई केंद्रीय परियोजनाओं को उसमें जोड़ा है, जिसके लिए सबसे ज्यादा भूमि अर्जित की जाती थी। प्रधानमंत्री ने आगे कहा, 'यह मिथ्या प्रचार किया जा रहा है कि किसानों की इच्छा का प्रावधान हटा दिया गया है। यह पहले भी नहीं था। फिर भी हमने कोशिश की है कि विकास के बाद भूमि में 20 फीसद उनका हिस्सा होगा और हर परिवार से एक व्यक्ति को नौकरी मिलेगी।'
उन्होंने राज्यों की ओर से हो रहे आग्रह, विकास का फायदा घर-घर पहुंचाने और जरूरत के अनुसार ही भूमि अधिग्रहीत करने की मंशा जताकर किसानों को जागरूक करने की कोशिश की। 'मन की बात' के मायने
भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन के लिए विधेयक लोकसभा से पारित हो चुका है, लेकिन विपक्षी दलों के विरोध के कारण राज्यसभा में नहीं लाया जा सका है। संघ परिवार के कुछ संगठन और भाजपा के कई सांसद और विधायक भी पिछले दिनों अपनी आशंका जता चुके हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री ने मन की बात सीधे किसानों तक पहुंचाकर विधेयक के लिए आधार बनाने की कोशिश की है। अब भी अड़ा है विपक्ष बजट सत्र के पहले चरण में सरकार ने खान व खनिज तथा कोयला विधेयक तो पारित करा लिया, लेकिन भूमि अधिग्रहण पर विपक्ष का कड़ा रुख बरकरार है। बल्कि यह संकेत दिया गया है कि विपक्षी दलों का राजनीति का केंद्र भी यही विधेयक होगा। कुछ दिन पहले ही 14 विपक्षी दलों ने इकट्ठा होकर राष्ट्रपति भवन तक मार्च किया था। इसका नेतृत्व खुद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने किया था। किसानों की मुसीबतों को देखकर शर्म आती है प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि जब वे बारिश या उर्वरकों की कमी से फसलों को नुकसान की बात सुनते हैं, तो उन्हें बहुत दुख होता है। मोदी ने कहा कि मुझे यह सोचकर ही शर्म आती है कि हमने (सत्ता में रहे लोगों ने) उनके लिए अबतक किया क्या है? मेरे पास इसका कोई जवाब नहीं होता। लेकिन मैं आप सबको आश्वस्त करना चाहता हूं कि हमारी सरकार किसानों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील होगी। बेमौसम बारिश से नुकसान पर मदद करेगी सरकार बेमौसम बारिश से किसानों को हुए नुकसान पर प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार हरसंभव तरीके से उनकी मदद करेगी। मोदी ने कहा कि छोटे किसान अपने सालभर के खर्च के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। लेकिन बेमौसम बारिश से उनका सब कुछ तबाह हो गया है। मोदी ने कहा कि नुकसान का आकलन करने के लिए केंद्रीय मंत्री विभिन्न राज्यों के दौरे पर हैं।पढ़ें - वोटिंग में गैरहाजिर रहे 20 सांसदों की पीएम ने लगाई क्लासपढ़ें - जाफना में हुई थी नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में बड़ी चूकपढ़ें - गंगा सफाई पर पीएम ने बुलाई बैठक, पांच सीएम भी आएंगे