प्रधानमंत्री ने गांधी जयंती पर सड़कों पर झाड़ू लगाने और सफाई की शपथ दिलाने के दूसरे ही दिन विजयदशमी पर देशवासियों से आकाशवाणी के जरिये 'मन की बात' की। दशहरा पर नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से ऑल इंडिया रेडियो के माध्यम विजय का संकल्प कराया। निराशा का त्यागकर सामर्थ्य और कौशल के अनुरूप देश की समृद्धि के लिए काम करने का आह्वान किया। साथ ही कहा कि देश को आगे बढ़ाना है तो 125 करोड़ भारतीयों को इसके लिए काम करना होगा। विजयदशमी पर सभी लोगों से अपनी दस बुराइयों का त्याग करने का अनुरोध भी किया। उन्होंने इस मौके पर महात्मा गांधी की प्रिय खादी का कम से कम एक वस्त्र का उपयोग करने का आग्रह किया। साथ ही विशेष रूप से अशक्त बच्चों के बारे में समाज की जिम्मेदारी का भान कराया।
By Kamal VermaEdited By: Updated: Sat, 04 Oct 2014 01:13 AM (IST)
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। प्रधानमंत्री ने गांधी जयंती पर सड़कों पर झाड़ू लगाने और सफाई की शपथ दिलाने के दूसरे ही दिन विजयदशमी पर देशवासियों से आकाशवाणी के जरिये 'मन की बात' की। दशहरा पर नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से ऑल इंडिया रेडियो के माध्यम विजय का संकल्प कराया। निराशा का त्यागकर सामर्थ्य और कौशल के अनुरूप देश की समृद्धि के लिए काम करने का आह्वान किया। साथ ही कहा कि देश को आगे बढ़ाना है तो 125 करोड़ भारतीयों को इसके लिए काम करना होगा। विजयदशमी पर सभी लोगों से अपनी दस बुराइयों का त्याग करने का अनुरोध भी किया। उन्होंने इस मौके पर महात्मा गांधी की प्रिय खादी का कम से कम एक वस्त्र का उपयोग करने का आग्रह किया। साथ ही विशेष रूप से अशक्त बच्चों के बारे में समाज की जिम्मेदारी का भान कराया।
रेडियो के जरिये समय-समय पर लोगों से संपर्क करने का वादा करते हुए मोदी ने नागरिकों से सुझाव मांगे। साथ ही बताया कि उन्हें काफी संख्या में सुझाव मिल रहे हैं। प्रधानमंत्री के मुताबिक, वह अब जनता से मिल रहे सुझावों का आकाशवाणी से 'मन की बात' कार्यक्रम में इसका जिक्र करेंगे। करीब 15 मिनट के संबोधन में प्रधानमंत्री ने मंगल पर कम खर्च में पहुंचने की उपलब्धि का जिक्र करते हुए देशवासियों की क्षमताओं को बेजोड़ करार दिया।
लोगों से निराशा त्यागने की अपील करते हुए प्रधानमंत्री ने उनकी शक्ति याद दिलाई। इस कड़ी में स्वामी विवेकानंद की एक कथा का जिक्र किया, जिसमें भेड़ों के बीच पला-बढ़ा शेर का बच्चा जब एक दूसरे शेर के संपर्क में आता है तो अपनी ताकत पहचानता है। मोदी ने कहा कि अगर हम आत्म-सम्मान और सही पहचान के साथ आगे बढ़ेंगे तो विजयी होंगे। गांधी के बाद खादी
प्रधानमंत्री ने गांधी को प्रिय खादी की भी मार्केटिंग भी खुलकर की। उन्होंने सबसे अपने परिधानों में एक वस्त्र खादी का रखने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि मैं आपसे खादीधारी बनने को नहीं कह रहा हूं, लेकिन आपसे आग्रहपूर्वक कह रहा हूं कि आपके वस्त्र में कम से कम एक तो खादी का हो। भले ही अंगवस्त्र हो, रुमाल हो, बेडशीट हो, तकिये का कवर या फिर और कुछ.।' उन्होंने जोड़ा, 'अगर आप खादी का कोई वस्त्र खरीदते हैं तो गरीब का भला होता है। इन दिनों दो अक्टूबर से खादी वस्त्रों पर छूट होती है। इसका उपयोग करें और आप पाएंगे कि गरीबों से आपका कैसा जुड़ाव होता है।'
सुझावों का स्वागत प्रधानमंत्री ने देशवासियों से सुझाव मांगे। उन्होंने कहा कि हम सब मिलकर देश को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा सकें। कौशल विकास पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने ई-मेल से मिले एक सुझाव का जिक्र किया जिसमें उनसे कौशल विकास पर ध्यान देने का आग्रह किया गया था। मोदी ने कहा, यह देश सभी लोगों का है, केवल सरकार का नहीं है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने लघु उद्योगों की पंजीकरण प्रक्रिया को सरल बनाने का सुझाव दिया है। साथ ही सुझाव दिया कि स्कूलों में पांचवीं कक्षा से कौशल विकास का कार्यक्रम होना चाहिए, ताकि जब वे पढ़ाई खत्म करके निकलें तब अपने हुनर की बदौलत रोजगार प्राप्त कर सकें। इसी तरह प्रत्येक एक किलोमीटर पर कूड़ेदान लगाने और पॉलीथीन के इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने जैसे सुझाव भी मिले। अशक्त बच्चों पर ध्यान मोदी ने विशेष रूप से अशक्त बच्चों के बारे में गौतम पाल नाम के एक व्यक्ति के सुझाव का भी जिक्र किया, जिसमें उन्होंने नगरपालिका के स्तर पर योजना बनाने की बात कही थी। उन्होंने 2011 में अशक्त बच्चों के लिए एथेंस में आयोजित ओलंपिक से विजयी होकर लौटे बच्चों से बतौर गुजरात के मुख्यमंत्री मिलने का संस्मरण सुनाया। बकौल मोदी, वह भावुक कर देने वाली घटना थी। ऐसे बच्चे केवल मां-बाप की जिम्मेदारी नहीं होते बल्कि पूरे समाज का दायित्व होते हैं। पूरे समाज का दायित्व है कि वह विशेष रूप से अशक्त बच्चों से खुद को जोड़ें। स्वच्छ भारत प्रधानमंत्री ने गुरुवार को शुरू किए गए 'स्वच्छ भारत अभियान' का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने इसमें हिस्सा लेने के लिए नौ लोगों को आमंत्रित किया है और उन सभी से नौ और लोगों को जोड़ने और इस तरह से इस श्रृंखला को आगे बढ़ाने का आग्रह किया है। हर माह होगी मन की बात प्रधानमंत्री ने कहा, मैं कोशिश करूंगा कि महीने में दो बार या एक बार रविवार को 11 बजे आप लोगों से यूं ही बात करूं। हमने स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की है और मैं चाहता हूं कि हर व्यक्ति इसमें हिस्सा ले।आप नौ लोगों को सफाई के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि वह देशी 125 करोड़ जनता पर जोर देते हैं क्योंकि अब तक लोगों के दिमाग में यही है कि सरकार सबकुछ करेगी। प्रधानमंत्री मोदी ने एक और कहानी सुनाई। इसके अनुसार एक आदमी किनारे बैठा था। उसने कई लोगों से अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए रास्ता पूछा लेकिन उसे सही रास्ते का पता तभी चला जब वह उठा और चलना शुरू किया।
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