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शादी पर अड़ी तो मिली मौत

कविनगर थाना क्षेत्र स्थित कचहरी से 30 नवंबर को अपहृत हुई युवती प्रियंका की अलीगढ़ ले जाकर गला दबाकर हत्या कर दी गई थी और शव के साथ उसका भी मोबाइल हजारा नहर में फेंक दिया। बागपत में तैनात एक दरोगा ने हत्या के लिए सुपारी दी थी। पुलिस ने मंगलवार को मामले का खुलासा करते हुए दरोगा औ

By Edited By: Updated: Wed, 19 Feb 2014 09:07 AM (IST)

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। कविनगर थाना क्षेत्र स्थित कचहरी से 30 नवंबर को अपहृत हुई युवती प्रियंका की अलीगढ़ ले जाकर गला दबाकर हत्या कर दी गई थी और शव के साथ उसका भी मोबाइल हजारा नहर में फेंक दिया।

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बागपत में तैनात एक दरोगा ने हत्या के लिए सुपारी दी थी। पुलिस ने मंगलवार को मामले का खुलासा करते हुए दरोगा और सिपाही व महिला समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। इस मामले में एक सिपाही समेत दो आरोपी अभी फरार हैं। पुलिस उनकी तलाश में जुटी है। अभी न तो शव मिला न ही मोबाइल बरामद हुआ है।

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ये रही टीम :

एसपी सिटी शिव हरि मीणा ने बताया कि पकड़े गए आरोपी गोविंदपुरम निवासी उपनिरीक्षक बच्चू सिंह, उसका पुत्र तरुण, पुलिस लाइन निवासी सिपाही विनेश, अलीगढ़ निवासी अमरपाल व उसकी पत्नी रश्मि चौधरी है, जबकि सिपाही राहुल व रितेश अभी फरार हैं। पुलिस ने इनके पास से एक अवैध पिस्टल बरामद की है।

ये हैं आरोपी

- बच्चू सिंह : उत्तर प्रदेश पुलिस में उपनिरीक्षक के पद पर कार्यरत व वर्तमान में वह बागपत की टटीरी चौकी प्रभारी है।

-विनेश : उत्तर प्रदेश पुलिस में सिपाही, वर्तमान में बागपत पुलिस लाइन में है।

-अमरपाल :पेशेवर सुपारी किलर है। पूर्व में अपने ताऊ की हत्या में जेल जा चुका है। कई थानों में विभिन्न आपराधिक मामले दर्ज हैं।

- रश्मि चौधरी : पूर्व में गाजियाबाद में पत्रकारिता कर चुकी है। अमरपाल की पत्नी है।

- तरुण : दरोगा बच्चू सिंह का पुत्र है। प्रियंका ने इसके खिलाफ दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इस मामले में वह जेल भी गया था।

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तरुण से शादी करना चाहती थी :

गोविंदपुरम निवासी प्रियंका विवाद के चलते तीन वर्ष पूर्व पति से अलग रहने लगी थी। वह परचून की दुकान चलाकर गुजारा कर रही थी। इस दौरान उसकी मुलाकात तरुण से हुई। पहले मुलाकात दोस्ती और फिर प्रेम प्रसंग में बदल गई। तरुण ने उसे शादी का झांसा देकर अपने साथ रखा और लंबे समय तक दुष्कर्म किया। शादी से इन्कार करने पर प्रियंका ने तरुण के खिलाफ मार्च, 2013 में दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इस मामले में पुलिस ने तरुण को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद से आरोपी प्रियंका पर समझौते के लिए दबाव बनाता रहा था।

जून, 2013 को आरोपियों ने प्रियंका के घर में घुसकर मारपीट की थी। इस मामले में प्रियंका ने दरोगा व उसके पुत्र समेत पूरे परिवार के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। 30 नवंबर को एक फोन आने के बाद प्रियंका कचहरी जाने के लिए बोलकर घर से निकली थी। वापस न लौटने पर उसके पिता जगवीर सिंह ने तरुण व एक महिला समेत कई लोगों के खिलाफ अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

नौकरी दिलाने के बहाने की दोस्ती :

बच्चू सिंह ने प्रियंका पर समझौते का दबाव बनाया, लेकिन प्रियंका तरुण से शादी की बात पर अड़ी रही। इस पर तरुण ने राहुल के समक्ष बात रखी, राहुल ने बच्चू सिंह की मुलाकात वीनेश से कराई और वीनेश ने उसकी मुलाकात अमरपाल से और इस तरह अमरपाल को हत्या की सुपारी दी। अमरपाल ने अपनी पत्नी रश्मि चौधरी की मदद ली और फोन के माध्यम से नौकरी का लालच देकर प्रियंका से दोस्ती कर ली। बाद में अमरपाल ने पत्नी की मार्फत स्वयं भी प्रियंका से दोस्ती की। इस दौरान प्रियंका के घर पर भी दोनों का आना जाना शुरू था।

30 नवंबर को रश्मि ने प्रियंका को फोन कर कचहरी बुलाया। यहां से अमरपाल व रितेश उसे मोटरसाइकिल से पैसे देने के नाम पर अलीगढ़ ले गए। यहां उन्होंने खैर के गौंडा गांव में गला दबाकर हत्या कर दी और शव और उसका मोबाइल हजारा नहर में फेंक दिया।