Move to Jagran APP

जदयू मंत्री की मौजूदगी में वसूली गई सबसे बड़ी फिरौती

सूरत के कपड़ा एवं बुनियादी ढांचा निर्माण व्यवसायी हनीफ हिंगोरा ने दावा किया है कि उन्होंने अपने बेटे को छुड़ाने के लिए 25 करोड़ की फिरौती दी है। सूरत में हनीफ ने पत्रकारों को बताया कि उनके बेटे सुहेल को अपहर्ताओं से छुड़ाने के लिए उन्होंने बिहार में जदयू मंत्री की मौजूदगी में फिरौती की रकम सौंपी।

By Edited By: Updated: Fri, 20 Dec 2013 10:12 AM (IST)

नई दिल्ली [जागरण न्यूज नेटवर्क]। सूरत के कपड़ा एवं बुनियादी ढांचा निर्माण व्यवसायी हनीफ हिंगोरा ने दावा किया है कि उन्होंने अपने बेटे को छुड़ाने के लिए 25 करोड़ की फिरौती दी है। सूरत में हनीफ ने पत्रकारों को बताया कि उनके बेटे सुहेल को अपहर्ताओं से छुड़ाने के लिए उन्होंने बिहार में जदयू मंत्री की मौजूदगी में फिरौती की रकम सौंपी। हालांकि बिहार पुलिस मामले में नौ करोड़ रुपये की फिरौती अदायगी का दावा करती है, लेकिन हनीफ का कहना है कि उनके पास इस बात के पक्के सबूत हैं कि उन्होंने 25 करोड़ रुपये अपहर्ताओं को दिए हैं। ये संभवत: देश में फिरौती के रूप में दी गई अब तक की सबसे बड़ी रकम है। प्रकरण में जदयू मंत्री की संलिप्तता सामने आने पर बिहार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसकी उच्चस्तरीय जांच कराने का आदेश दिया है।

व्यवसायी हनीफ ने बताया कि उसके बेटे मुहम्मद सोहेल हिंगोरा को दमन से 29 अक्टूबर को अगवा किया गया था। अपहर्ता उसे करीब दो हजार किलोमीटर दूर बिहार ले आए, जहां से उनके पास फिरौती की रकम लाने के लिए 22 नवंबर को फोन किया गया था। लेकिन पटना में फिरौती की रकम अदा करने से पहले मुझे 40 विभिन्न स्थानों पर दौड़ाया गया। मुक्त होने के बाद बेटे सोहेल ने बताया कि अपहर्ताओं के साथ राजनेता व पुलिस भी मिली हुई है। व्यवसायी ने आरोप लगाया कि उसके बेटे को सारण जिले में एक पुलिस अधिकारी के घर रखा गया और फिरौती का लेन-देन सत्तारूढ़ जदयू मंत्री के घर हुआ। हालांकि उन्होंने मंत्री के नाम का खुलासा नहीं किया।

पढ़ें: बिहार में भाजपा के 46 विधायक दागी: जदयू

प्रकरण में बिहार मुख्यमंत्री ने पहली बार चुप्पी तोड़ी। उन्होंने गुरुवार को कहा कि 'मामले में शामिल मंत्री का नाम मैं भी जानना चाहता हूं। इसमें दोषी पाए जाने वाले शख्स को बख्शा नहीं जाएगा। इसके लिए पुलिस महानिदेशक को जांच का आदेश दिया है। लेकिन बिना साक्ष्य किसी पर गंभीर आरोप लगाना सही नहीं है।' नाम न छापने की शर्त पर एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि मामले में राजनेता की संलिप्तता से इन्कार नहीं किया जा सकता। क्योंकि, दमन से अगवा व्यवसायी बेटे को दो हजार किमी दूर बिहार लाना आसान नहीं है।

दमन पुलिस ने बताया कि वारदात में शामिल सात अपराधियों में से तीन को गिरफ्तार किया गया है। जिसमें दो झारखंड व एक बिहार के छपरा जिले का है। दमन पुलिस अधीक्षक अतुल कुमार ने बताया कि बिहार, झारखंड, गुजरात, ओडिशा व महाराष्ट्र पुलिस के पर्याप्त सहयोग से तीनों को गिरफ्तार किया गया।

उन्होंने कहा कि जांच में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य हाथ लगे हैं। जिसकी सहायता से अपहरण के किंगपिन दीपक कुमार सहित चारों अन्य आरोपियों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। सारण पुलिस अधीक्षक वरुण कुमार सिन्हा ने बताया कि उद्योगपति पुत्र के अपहरण मामले में रंजीत सिंह, संतोष सिंह, दीपक सिंह, सोनू सिंह व इन चारों के पिता नागमणि सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

भाजपा नेता व बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने सरकार से मांग की है कि मामले में शामिल जदयू मंत्री का नाम सामने लाया जाए। उन्होंने कहा कि राजनेता के घर फिरौती का लेन-देन होना जंगलराज के वापस आने जैसा है।

मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर