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सारधा-आइआरसीटीसी में करार का खुलासा

करोड़ों रुपये के सारधा चिटफंड घोटाले की जांच कर रही सीबीआइ को पता चला है कि सारधा समूह के टूर एंड ट्रेवल एजेंसी को सरकारी योजना का लाभ दिया गया था। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी के 2010 में रेल मंत्री रहने के दौरान समूह के टूर एंड ट्रेवल एजेंसी व इंडियन रेलवे कैट¨रग टूरिज्म

By Edited By: Updated: Mon, 01 Sep 2014 07:53 PM (IST)

कोलकाता, जागरण संवाददाता। करोड़ों रुपये के सारधा चिटफंड घोटाले की जांच कर रही सीबीआइ को पता चला है कि सारधा समूह के टूर एंड ट्रेवल एजेंसी को सरकारी योजना का लाभ दिया गया था। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी के 2010 में रेल मंत्री रहने के दौरान समूह के टूर एंड ट्रेवल एजेंसी व इंडियन रेलवे कैट¨रग टूरिज्म कॉर्पोरेशन (आइआरसीटीसी) के बीच करार हुआ था। सीबीआइ अब रेलवे के तत्कालीन अधिकारियों से पूछताछ की तैयारी कर रही है।

सीबीआइ सूत्रों की मानें तो तत्कालीन रेल मंत्री ममता बनर्जी ने रेल बजट में भारत तीर्थ योजना की घोषणा की थी, जिसे आइआरसीटीसी को सौंपा गया था। योजना के तहत देश के 16 जगहों पर भारत भ्रमण के लिए विशेष ट्रेन (भारत तीर्थ) चलाए जाने की घोषणा की गई थी। आइआरसीटीसी ने सारधा समूह के टूर एंड ट्रैवेल कंपनी से करार किया और उसे दक्षिण भारत के भ्रमण के लिए पर्यटकों को सुविधाएं उपलब्ध कराने का काम दिया गया। इसके तहत भ्रमण की बुकिंग, बस परिवहन परिसेवा, पर्यटकों को पर्यटक स्थलों पर ले जाने की व्यवस्था, होटल में ठहरने की व्यवस्था कंपनी कराती थी। इससे होने वाली आय का एक अंश सारधा टूर एंड ट्रैवेल को मिलता था। योजना दिसंबर 2010 से डेढ़ साल तक चली। सीबीआइ जांच कर रही है कि ये करार किस आधार पर हुआ था? साथ ही इसमें प्रभावशाली व्यक्तियों की संलिप्तता और पैसों के लेन-देन की भी जांच की जाएगी।

पूर्व रेल राज्य मंत्री अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि संभव है सारधा समूह को विशेष लाभ पहुंचाया गया हो। मामले की निष्पक्ष जांच करा दोषियों को सजा मिलनी चाहिए। भाजपा सांसद बाबुल सुप्रियो ने कहा कि इस खुलासे में भ्रष्टाचार झलकता है। रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा कि मामला सीबीआइ के पास है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

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