'किसान और युवा शक्ति 56 इंच के सीने को 28 इंच कर देगा'
राजग सरकार द्वारा पेश भूमि अधिग्रहण बिल के खिलाफ कांग्रेस अपना विरोध तेज करती जा रही है। इस मुद्दे को कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों द्वारा संसद में उठाये जाने की संभावना के बीच आज युवा कांग्रेस ने इस बिल के खिलाफ दिल्ली में विरोध प्रदर्शन किया। युवा कांग्रेस की
नई दिल्ली। राजग सरकार द्वारा पेश भूमि अधिग्रहण बिल के खिलाफ कांग्रेस अपना विरोध तेज करती जा रही है। इस मुद्दे को कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों द्वारा संसद में उठाये जाने की संभावना के बीच आज युवा कांग्रेस ने इस बिल के खिलाफ दिल्ली में विरोध प्रदर्शन किया। युवा कांग्रेस की सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि किसान और युवा शक्ति मोदी सरकार के अभिमान को तोड़ देगा और छप्पन इंच के सीने को अट्ठाइस इंच का बना देगा। जयराम रमेश ने मोदी जी पर निशाना साधते हुए कहा "पहले साबरमती के संत धोती पहनते थे, आज साबरमती के महंत सूट पहनते है" ।
युवा नेता सचिन पायलट ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और उनकी केंद्र की सरकार दोनों ही किसान विरोधी हैं। आप किसान की छाती पर चढ़कर कौन सा विकास करना चाहते हैं। रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि अगर किसानों को हो रही पीड़ा के खिलाफ कोई लड़ सकता है तो सिर्फ कांग्रेस।
वहीं, युवा कांग्रेस के विरोध-प्रदर्शन के दौरान पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और वाटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा।
आपको बता दें, भूमि अधिग्रहण बिल के खिलाफ भारतीय किसान यूनियन ने भी 18 मार्च को दिल्ली में विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की है।
कांग्रेस इस बिल के खिलाफ मोदी सरकार को घेरने में जुटी है। इस बिल का सरकार के कुछ सहयोगी दल भी विरोध कर रहे हैं। इस लिए कांग्रेस और हमलावर हो गई है। कई राज्यों में भी भूमि अधिग्रहण बिल का विरोध हो रहा है। पश्चिम बंगाल में जहां ममता बनर्जी की सरकार इसका पूरजोर विरोध कर रही है वहीं बिहार में नीतीश कुमार ने भी कल इस बिल के खिलाफ एक दिन का अनशन किया था।
बिहार में ही लालू यादव ने इस बिल के खिलाफ रविवार को पूरे प्रदेश में विरोध प्रदर्शन किया था। इसके लिए राजद के समर्थकों ने अलग अलग शहरों में मार्च निकाले आैर लोगों को इसके खिलाफ जागरूक करने की कोशिश की।
राज बब्बर ने कहा कि मोदी जी ने गोरे साहबों का कानून वापस लाने का काम किया है। हम लोग मरते दम तक इसके खिलाफ लड़ेंगे।
वहीं, उत्तर पर्देश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी कहा है कि सरकार द्वारा लाया गया यह बिल किसान विरोधी है।