लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद आम आदमी पार्टी अब अपनी साख बचाने में जुट गई है। यही वजह है कि दिल्ली में दोबारा सरकार बनाने की कोशिश में नाकाम रही आप अब एक बार फिर दिल्लीवासियों का दिल जीतने में जुट गई है। दिल्ली में 49 दिनों की सरकार चलाने वाले आप के संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल
By Edited By: Updated: Tue, 15 Jul 2014 01:25 PM (IST)
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद आम आदमी पार्टी अब अपनी साख बचाने में जुट गई है। यही वजह है कि दिल्ली में दोबारा सरकार बनाने की कोशिश में नाकाम रही आप अब एक बार फिर दिल्लीवासियों का दिल जीतने में जुट गई है। दिल्ली में 49 दिनों की सरकार चलाने वाले आप के संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एक कैंपेन चला रहे हैं। जिसके तहत दिल्ली की तमाम गली और मोहल्ले में इन दिनों आपको एक पोस्टर चसपा मिलेगा, जिसमें आम आदमी पार्टी की ओर से पूछा गया है कि 'किसके 49 दिन अच्छे लगे, आम आदमी पार्टी सरकार या भाजपा सरकार के'।
इसके लिए पार्टी की ओर से न सिर्फ पोस्टर कैंपेन शुरू किया गया है, बल्कि ट्विटर पर भी लोगों से राय ली जा रही है। अरविंद केजरीवाल ने भी ट्वीट कर लोगों से राय मांगी है, जिसके जवाब में कुछ निम्नलिखित प्रतिक्रियाएं आई -
रवींद्र : रात में सोते समय खुद से पूछिए जवाब मिल जाएगा। राहुल पांडे : युगपुरुष जी..अब आम से इमली की तुलना कैसे करें..कृपया जरा समझाइएगा।
रूपेश सिंह : पहले भागते हो, फिर हमसे राय मांगते हो। सचिन देव त्रिपाठी : फिर से लोगों को मूर्ख बनाना शुरू कर दिया, नौटंकी मास्टर।
बिपाशा मुखर्जी : हे भगवान! आपमें आत्म सम्मान की कमी है। हमेशा दूसरों से अपनी प्रशंसा कराते हो या अपने नंबर पूछते हो। पहले अपना दिल बड़ा करो। कड़ी मेहनत करो, फिर इज्जत कमाओ। शैलेश तेवरिया : आप सिविल सर्विस परीक्षा और स्कूल प्रशासन टेस्ट की तुलना कैसे कर सकते हैं। भाजपा पूरे देश में शासन कर रही है, सिर्फ दिल्ली नगरपालिका में नहीं। रूपेश सिंह : आप कमाते कुछ नहीं हो, फिर अस्सी हजार घर का किराया कैसे देते हो। फोर्ड फाउंडेशन या आइएसआइ। द होली युगपुरुष : जब आपने दिल्ली पर इतनी कृपा बरसा दी थी तो फिर भागने की क्या जरूरत पड़ी। थोड़ी कृपा और बरसा देते। के.आर.देव : पिछले चुनाव का परिणाम देखकर आपको पता चल गया होगा। अमित तिवारी : ठंडे दिमाग से विचार करो, आपको भी एहसास हो जाएगा। मनुभाई सिंगापूरी : आपके कहने का मतलब है कि दिल्ली एक बार फिर गलती करे और आपको एक और मौका दे, ताकि अब फिर 49 दिन बाद भाग जाओ। सुशील अग्रवाल : उस 49 दिन और इस 49 दिन में जमीन आसमान का फर्क है। अब काम हो रहा है, धरने नहीं और अब कोई मैदान छोड़कर भागने वाला भी नहीं। दर्पण व्यास : आप चाहते हैं कि हम मर्सडीज से मारुति 800 की तुलना करें। तेजस बरोत : साहब, अगर 'आप' दुम दबा के भागे, उसके पहले एसएमएस मंगवाते तो हम इसका और उसका जवाब आप की भाषा में देते। विजय चंद्रकर : एसएमएस करने में पैसा लगता है, उसे कौन देगा
कुछ पक्ष में भी मिले कमेंट्स शोभा भंट्ट: आप के 49 दिन सुपरहिट और भाजपा के फ्लॉप। आर.कौशिक : आप के 49 दिन- डेमोक्रेसी, नमो के 49 दिन- डिक्टेटरशिप। हुकम रावत : मोदी जी के चुनाव पर जितना पैसा अंबानी और अडानी ने खर्च किया था, मोदी जी वह पैसा पहले 49 दिनों में उतार चुके हैं। समीर जैन : वो आम आदमी की सरकार थी और ये खास आदमी की। ये कमेंट्स माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर आए हैं।
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