जानिए क्या है राफेल विमान की खासियत
राफेल ऊंचे इलाकों में लड़ने में माहिर है। राफेल एक मिनट में 60 हजार फुट की ऊंचाई तक जा सकता है। हालांकि अधिकतम भार उठाकर इसके उड़ने की क्षमता 24500 किलोग्राम है।
By Mohit TanwarEdited By: Updated: Mon, 25 Jan 2016 03:17 PM (IST)
नई दिल्ली। आसमान से दुश्मनों के छक्के छुड़ा देने वाला राफेल एक बहुउपयोगी लड़ाकू विमान है। दासौल्ट कंपनी अक्टूबर 2014 तक 133 विमानों का निर्माण कर चुकी है। इस प्रोजेक्ट की लागत 62.7 बिलियन है। एक विमान की लागत 70 मिलियन आती है। इसकी लंबाई 15.27 मीटर है और इसमें एक या दो पायलट बैठ सकते हैं।
जानकार बताते हैं कि राफेल ऊंचे इलाकों में लड़ने में माहिर है। राफेल एक मिनट में 60 हजार फुट की ऊंचाई तक जा सकता है। हालांकि अधिकतम भार उठाकर इसके उड़ने की क्षमता 24500 किलोग्राम है। विमान में ईंधन क्षमता 4700 किलोग्राम है। राफेल की अधिकतम रफ्तार 2200 से 2500 तक किमी प्रतिघंटा है और इसकी रेंज 3700 किलोमीटर है। इसमें 1.30 mm की एक गन लगी होती है जो एक बार में 125 राउंड गोलियां निकाल सकती है। इसके अलावा इसमें घातक एमबीडीए एमआइसीए, एमबीडीए मेटेओर, एमबीडीए अपाचे, स्टोर्म शैडो एससीएएलपी मिसाइलें लगी रहती हैं। इसमें थाले आरबीई-2 रडार और थाले स्पेक्ट्रा वारफेयर सिस्टम लगा होता है। साथ ही इसमें ऑप्ट्रॉनिक सेक्योर फ्रंटल इंफ्रा-रेड सर्च और ट्रैक सिस्टम भी लगा है।राफेल विमान का इतिहास
राफेल विमान फ्रांस की दासौल्ट कंपनी द्वारा बनाया गया 2 इंजन वाला लड़ाकू विमान है। 1970 में फ्रांसीसी सेना ने अपने पुराने पड़ चुके लड़ाकू विमानों को बदलने की मांग की। जिसके बाद फ्रांस ने 4 यूरोपीय देशों के साथ मिलकर एक बहुउद्देशीय लड़ाकू विमान की परियोजना पर काम शुरू किया। बाद में साथी देशों से मतभेद होने के बाद फ्रांस ने इस पर अकेले ही काम शुरू कर दिया।
राफेल विमान फ्रांस की दासौल्ट कंपनी द्वारा बनाया गया 2 इंजन वाला लड़ाकू विमान है। 1970 में फ्रांसीसी सेना ने अपने पुराने पड़ चुके लड़ाकू विमानों को बदलने की मांग की। जिसके बाद फ्रांस ने 4 यूरोपीय देशों के साथ मिलकर एक बहुउद्देशीय लड़ाकू विमान की परियोजना पर काम शुरू किया। बाद में साथी देशों से मतभेद होने के बाद फ्रांस ने इस पर अकेले ही काम शुरू कर दिया।