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हत्या के डर से राहुल ने सोनिया को नहीं बनने दिया था पीएम: नटवर

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी मई 2004 में राहुल गांधी के कहने पर प्रधानमंत्री नहीं बनी थीं। यह खुलासा पूर्व विदेश मंत्री के नटवर सिंह ने एक न्यूज चैनल को दिए साक्षात्कार में किया है। उन्होंने दावा किया है कि राहुल गांधी सोनिया गांधी के प्रधानमंत्री बनने के पूरी तरह खिलाफ थे, उन्हें डर था कि अगर उनकी मां प्रधानमंत्री बनती हैं तो उनक

By Edited By: Updated: Thu, 31 Jul 2014 10:39 AM (IST)
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नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी मई 2004 में राहुल गांधी के कहने पर प्रधानमंत्री नहीं बनी थीं। यह खुलासा पूर्व विदेश मंत्री के नटवर सिंह ने एक न्यूज चैनल को दिए साक्षात्कार में किया है। उन्होंने दावा किया है कि राहुल गांधी सोनिया गांधी के प्रधानमंत्री बनने के पूरी तरह खिलाफ थे, उन्हें डर था कि अगर उनकी मां प्रधानमंत्री बनती हैं तो उनकी हत्या हो सकती है।

कांग्रेस के पूर्व नेता के नटवर सिंह ने इस बारे में अपनी किताब 'वन लाइफ इज नॉट एनफ' में लिखा है। उन्होंने यह भी कहा कि मेरी किताब का एक हिस्सा इस बारे में है और सोनिया गांधी नहीं चाहती थीं कि यह हिस्सा प्रकाशित हो। तेल के बदले अनाज मामले में 2005 में मंत्री पद गंवाने वाले नटवर सिंह बाद में कांग्रेस पार्टी से निकाल दिए गए थे। उनके बेटे जगत इस समय राजस्थान में भाजपा के विधायक हैं। 'वन लाइफ इज नॉट एनफ' का 7 अगस्त को पूर्व अटॉर्नी जनरल सोली सोराबजी लोकार्पण करेंगे।

सोनिया-प्रियंका ने की थी मुलाकात

कयास लगाए जा रहे हैं कि नटवर सिंह की किताब में कई अन्य सनसनीखेज खुलासे हो सकते हैं, जिनसे कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर सवाल खड़े हो सकते हैं। इस बात को तब बल मिला, जब हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनकी बेटी प्रियंका वाड्रा ने नटवर सिंह से हाल ही में मुलाकात की थी। आधिकारिक तौर पर नटवर सिंह के नई दिल्ली के जोरबाग स्थित घर पर पिछले हफ्ते करीब 50 मिनट तक चली इस मुलाकात को शिष्टाचार भेंट बताया गया है।

और भी हैं कई खुलासे

खुद नटवर सिंह के हवाले से किताब में लिखी कुछ अन्य बातें भी सामने आई हैं। नटवर के मुताबिक मनमोहन सिंह नहीं, बल्कि नरसिंह राव की वजह से देश में आर्थिक सुधार का युग शुरू हुआ था। इसके अलावा वे अमेरिका से परमाणु करार का श्रेय भी मनमोहन सिंह को नहीं देते हैं। नटवर सिंह ने किताब में आपातकाल के लिए इंदिरा गांधी की आलोचना की है। साथ ही वे राजीव गांधी को राजनीतिक कुप्रबंधन का दोषी मानते हैं। पूर्व विदेश मंत्री ने अपनी किताब में चीन और कश्मीर नीति को लेकर नेहरू की भी आलोचना की है।

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