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टिकटों की दलाली रोकने के लिए कदम उठाए रेल मंत्रालय: हाई कोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को रेलवे मंत्रालय को निर्देश जारी किया है कि वह रेलवे टिकटों को लेकर हो रही दलाली को रोकने के लिए प्रभावशाली प्रणाली बनाए और उसे लागू करे। मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी व न्यायमूर्ति आरएस एंडलॉ की खंडपीठ ने मामले में रेल मंत्रालय को कहा है

By Edited By: Updated: Wed, 16 Jul 2014 08:51 AM (IST)
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नई दिल्ली (राज्य ब्यूरो)। दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को रेलवे मंत्रालय को निर्देश जारी किया है कि वह रेलवे टिकटों को लेकर हो रही दलाली को रोकने के लिए प्रभावशाली प्रणाली बनाए और उसे लागू करे। मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी व न्यायमूर्ति आरएस एंडलॉ की खंडपीठ ने मामले में रेल मंत्रालय को कहा है कि रेलवे टिकट दलाल एडवांस में ही काउंटर पर से टिकट खरीद लेते हैं। जिससे ई-टिकट सुविधा के माध्यम से वेट लिस्ट श्रेणी में टिकट पाने वालों को सीट नहीं मिल पाती है। ऐसे में ई-टिकट खुद ही रद हो जाता है। जिससे यात्रियों को परेशानी होती है और कई बार ट्रेन में सीटें होने के बावजूद यात्रियों को सीट नहीं मिलती। लिहाजा, दलालों द्वारा एडवांस में टिकट खरीदे जाने पर रोक लगाना जरूरी है। इसके लिए मंत्रलय आगामी छह माह में ऐसी प्रणाली लागू करे, जिससे कोई भी एक साथ बहुत से टिकटों को खरीद कर उन्हें ब्लैक में न बेच सके।

हाईकोर्ट ने यह आदेश वीके झा नामक व्यक्ति द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए जारी किया है। याचिकाकर्ता का कहना था कि ट्रेन की टिकटें पहले ही दलालों द्वारा भारी मात्रा में खरीद ली जाती हैं। जिससे ई-टिकट सुविधा से टिकट प्राप्त करने वाले लोगों को कंफर्म टिकट नहीं मिलता। उन्हें वेटिंग लिस्ट वाला टिकट मिलता है। दलालों द्वारा भारी मात्रा में टिकट खरीदने से लोगों को ट्रेनों में सीट होने के बावजूद सीट नहीं मिलती। इस प्रक्रिया में रेलवे के अधिकारी भी शामिल रहते हैं। लिहाजा, इन सब को रोकने के लिए रेल मंत्रालय को निर्देश जारी किए जाए कि वह कोई ठोस कदम उठाए।

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