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अब बिछड़े हुए नौनिहालों को अपनों से मिलाएगा रेल

यात्रियों को सुकून भरा सफर कराने वाला रेलवे अब नौनिहालों को अपनों से मिलाने का काम भी करेगा। इसके लिए स्टेशनों पर बाल सुधार समितियों का गठन किया गया है। लावारिस बच्चों के खान-पान और ठहराने की व्यवस्था समिति करेगी, तो वहीं ट्रेनों में टीटीई बच्चों पर खास निगाह रखेंगे। देश में बड़ी संख्या में मासूम बच्चे गायब हो रह

By Edited By: Updated: Thu, 30 Jan 2014 10:37 AM (IST)

बरेली। यात्रियों को सुकून भरा सफर कराने वाला रेलवे अब नौनिहालों को अपनों से मिलाने का काम भी करेगा। इसके लिए स्टेशनों पर बाल सुधार समितियों का गठन किया गया है। लावारिस बच्चों के खान-पान और ठहराने की व्यवस्था समिति करेगी, तो वहीं ट्रेनों में टीटीई बच्चों पर खास निगाह रखेंगे।

देश में बड़ी संख्या में मासूम बच्चे गायब हो रहे हैं। इनको सुरक्षित करने को दिल्ली के एक व्यक्ति ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसकी सुनवाई करने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने रेलवे में भी बाल सुधार समिति गठित करने का फैसला बीस जनवरी को सुनाया था। इसको लेकर मुरादाबाद रेल मंडल की बरेली, मुरादाबाद और हरिद्वार स्टेशनों पर समितियों का गठन सोमवार को किया गया। इसमें स्टेशन अधीक्षक, मुख्य टिकट निरीक्षक, जीआरपी और आरपीएफ प्रभारी को रखा गया है। यह टीम जंक्शन पर लावारिस हालत में मिलने वाले बच्चों को कब्जे में लेकर उनके मां-बाप से मिलवाएंगे, तो वहीं उनके परिजन न मिलने पर नारी निकेतन एवं बाल सुधार गृह को भेजने का कार्य करेंगे। उनके अभिभावकों के न आने तक स्टेशन के विश्रम गृह में खान-पान और सुरक्षा का जिम्मा कमेटी देगी। इसके अलावा टीटीई भी ट्रेन में बच्चों पर निगाह रखेंगे। वह ट्रेन में अधिकांश बच्चों के सफर करने पर पूरी जानकारी करेंगे। इसके साथ ही संदिग्ध हालत में तुरंत पुलिस को सूचना देंगे। बरेली जंक्शन पर भी टीम का गठन हो चुका है।

पढ़ें: रेलवे का मकसद यात्रियों का बेहतर सफर

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