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रेलवे कैटरिंग घोटाले का चौंकाने वाला खुलासा, 972 रुपये में खरीदा जाता है 100 ग्राम दही

एक आरटीआई आवेदन से रेलवे कैटरिंग में हुए बड़े घोटाले के बारे में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।

By Monika minalEdited By: Updated: Tue, 02 May 2017 12:22 PM (IST)
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रेलवे कैटरिंग घोटाले का चौंकाने वाला खुलासा, 972 रुपये में खरीदा जाता है 100 ग्राम दही
 नई दिल्‍ली (जेएनएन)। सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत दूसरी अपील के तौर पर हाल में ही एक एक्‍टिविस्‍ट ने आवेदन किया जिससे पता चलता है कि केंद्रीय रेलवे का कैटरिंग विभाग कुछ खाद्य वस्‍तुओं को खरीद कर कई बार अपने गोदामों में भर लेता है।

आरटीआई आवेदन में खाद्य वस्‍तुओं की खरीद पर रेलवे अधिकारियों द्वारा जानकारी शेयर करने में असफल रहने के बाद एक्‍टिविस्‍ट अजय बोस ने पहली अपील दर्ज की। इसके प्रतिक्रिया में यह बात पता चला कि प्रत्‍येक एक किग्रा अमूल दही को 9,720 रुपये में खरीदा जाता है। बोस ने यह आरटीआई आवेदन तब फाइल किया जब उन्‍हें पता चला कि कैटरिंग विभाग काफी नुकसान में चल रही थी।

बोस ने द हिंदू को बताया, ‘मैंने जुलाई 2016 में आवेदन दर्ज कराया लेकिन इसका कोई जवाब नहीं मिला। इससे पता चलता था कि वे कुछ छिपाना चाहते थे। मैंने एक अपील दायर कर दी और अपीलीय प्राधिकरण ने रेलवे को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया और 15 दिनों के अंदर विवरण प्रदान करने के लिए कहा। इसके बावजूद कई महीनों बाद भी कोई जवाब नहीं मिला।

बोस को ऐसा लगा कि विभाग जान बूझकर उनके अपील को नजरअंदाज कर रही है और तब उन्‍होंने दूसरी अपील दायर की। उन्‍होंने बताया, इस बार मुझे विवरण समेत इसका जवाब मिला जो चौंकाने वाला था। वे 100 ग्राम दही जिसकी कीमत 25 रुपये है, 972 रुपये में खरीदते हैं। इसके साथ ही रेलवे कई खाद्य सामग्री उसके MRP से कहीं अधिक मूल्‍य में खरीदती है।

रेलवे कैटरिंग विभाग द्वारा खरीदे गए खाद्य सामग्रियों का वितरण जनआहार कैंटीन, रेलवे बेस किचन व डेक्‍कन क्‍वीन, कुर्ला-हजरत निजामुद्दीन एक्‍सप्रेस जैसे ट्रेनों में किया जाता है।
बोस ने आरोप लगाया कि ऐसे घोटाले की वजह से ही रेलवे नुकसान में है। उन्‍होंने बताया, लंबे इंतजार के बाद मुझे यह चौंकाने वाला ब्‍यौरा मिला जो मात्र कुछ महीनों का ही था जबकि मैं पूरे साल की जानकारी चाहता था। तूर दाल, मूंग दाल बेसन आदि के साथ टिश्‍यू पेपर भी इसमें शामिल हैं। इसके अलावा रेलवे द्वारा खरीदे गए फूड आइटम में 2016 मार्च में 72,034 रुपये में 58 लीटर रिफाइन, एक लीटर रिफाइन 1,241  रुपये में खरीदा गया। इसने टाटा नमक के 150 पैकेट 2,670 रुपये जिसका प्रति पैकेट का मूल्‍य 15 रुपये की जगह 49 रुपये में खरीदा गया, वॉटर बोतल और सॉफ्ट ड्रिंक की एक बोतल 59 रुपये में खरीदी गयी। उन्‍होंने आगे बताया, रेलवे रिपोर्ट के अनुसार, जन आहार कैंटीन व स्‍टेशनों पर लगे स्‍टॉल नुकसान में चल रहे हैं लेकिन आरटीआई के जवाब से वास्‍तविक छवि सामने आयी।

डिविजनल रेलवे मैनेजर, रविंद्र गोयल ने बताया, जरूर यह टाइपिंग एरर होगा, लेकिन मैं मामले को देखूंगा। पूर्व जनरल मैनेजर सुबोध जैन ने कहा, इन वस्‍तुओं को खरीदने के लिए एक उचित व्‍यवस्‍था है। इसके लिए गठित कमेटी रेट तय करती है। 

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