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अब 200 किमी रफ्तार वाली ट्रेन की तैयारी में रेल मंंत्रालय

गतिमान एक्सप्रेस के बाद अब देश में ट्रेनों की रफ्तार और बढ़ाने की तैयारी है। शुरुआती ट्रायल सफल रहा तो दिल्ली-मुंबई रूट पर 200 किलोमीटर की रफ्तार से टैल्गो ट्रेन को दौड़ाया जाएगा।

By Manish NegiEdited By: Updated: Thu, 07 Apr 2016 10:41 PM (IST)
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नई दिल्ली। गतिमान एक्सप्रेस के बाद अब देश में ट्रेनों की रफ्तार और बढ़ाने की तैयारी है। शुरुआती ट्रायल सफल रहा तो दिल्ली-मुंबई रूट पर 200 किलोमीटर की रफ्तार से टैल्गो ट्रेन को दौड़ाया जाएगा। स्पेन की कंपनी टैल्गो की सेमी हाईस्पीड बोगियां ट्रायल के लिए इसी महीने भारत आ रही हैं। मई में तीन प्रमुख रूटों पर इनका परीक्षण किया जाएगा।

रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, टैल्गो काफी समय से भारत में सेमी हाईस्पीड प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन करना चाहती थी। रेल मंत्रालय की इजाजत के बाद वह स्पेन से अपनी नौ बोगियां भारत ला रही है। इनके 21-22 अप्रैल को मुंबई पहुंचने की संभावना है। वहां से इन्हें इज्जतनगर डीजल शेड में असेंबल कर ट्रेन का रूप दिया जाएगा। मई महीने में इस ट्रेन का सबसे पहले बरेली-मुरादाबाद रेल खंड पर परीक्षण होगा। इसमें इसे 80 से 115 किलोमीटर की रफ्तार पर चलाकर देखा जाएगा। इसकी कामयाबी के बाद अगला परीक्षण पलवल-मथुरा रेल खंड पर किया जाएगा। इस रूट पर ट्रेन की रफ्तार को 180 किलोमीटर तक बढ़ाकर देखा जाएगा। इसके सफल रहने के बाद पूरे दिल्ली-मुंबई रूट पर 200 किलोमीटर तक की रफ्तार पर इसका ट्रायल होगा।

जहां विश्व की अन्य सेमी हाईस्पीड ट्रेनें इलेक्टि्रक ट्रैक पर चलती हैं, वहीं टैल्गो की ट्रेनें डीजल पर चलती हैं। यदि यह परीक्षण में खरी उतरती हैं, तो अब तक चिह्नित नौ सेमी हाईस्पीड रूटों के अलावा भी कई रूटों पर इन ट्रेनों को चलाया जा सकेगा।

यह है इसकी खासियत

टैल्गो बोगियों वाली ट्रेनों को मौजूदा भारतीय ट्रैक पर बगैर किसी सुधार के 200 किलोमीटर तक की रफ्तार पर चलाया जा सकता है।

घुमावदार ट्रैक पर रफ्तार बनाए रखने के लिए विशेष प्रौद्योगिकी का विकास किया गया है।

इसमें घुमावदार टै्रक पर बोगियां भीतर की ओर झुक जाती हैं।

टैल्गो की बोगियां कम लंबी होती हैं तथा उनमें बिना एक्सल वाले पहियों का प्रयोग किया जाता है।

इससे घुमावदार ट्रैक पर पहिये भीतरी और बाहरी पटरी पर स्वतंत्र रूप से संतुलन बनाने में कामयाब रहते हैं।

दो बोगियों को आपस में जोड़ने वाले कपलर भी अलग तरह के हैं। इससे इनके खुलने या झटके लगने की संभावना नहीं होती।

सेमी हाईस्पीड ट्रायल के लिए इसी माह आ रही टैल्गो की ट्रेन