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यादव सिंह की डायरी से खुल सकते हैं कई राज

तीनों प्राधिकरणों के प्रमुख अभियंता पद से हटाए गए यादव सिंह के घर आयकर के छापे के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद हुए हैं। सूत्रों का दावा है कि छापेमारी के दौरान एक डायरी बरामद हुई है, जिसमें कई ऐसे ठेकेदार व नेताओं के नाम दर्ज हैं, जिनसे यादव सिंह

By Sachin kEdited By: Updated: Sat, 29 Nov 2014 07:19 PM (IST)
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जागरण संवाददाता, नोएडा। तीनों प्राधिकरणों के प्रमुख अभियंता पद से हटाए गए यादव सिंह के घर आयकर के छापे के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद हुए हैं। सूत्रों का दावा है कि छापेमारी के दौरान एक डायरी बरामद हुई है, जिसमें कई ऐसे ठेकेदार व नेताओं के नाम दर्ज हैं, जिनसे यादव सिंह कमीशन लेता और देता था।

ऐसे लोगों पर आयकर विभाग अब शिकंजा कसा जा सकता है। हालांकि डायरी में दर्ज नामों का अभी खुलासा नहीं किया गया है। इनमें बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से जुड़े नेता व अधिकारियों के नाम सर्वाधिक बताए जा रहे हैं।

नोएडा प्राधिकरण में परियोजना विभाग में प्रमुख अभियंता के पद पर लंबे समय तक तैनात रहे यादव सिंह का बसपा शासनकाल में प्राधिकरण में दबदबा रहता था। हर अधिकारी व नेता उनके दफ्तर में चक्कर लगाता था। बसपा के स्थानीय नेता यादव सिंह के पैर छूते थे।

सूत्रों का दावा है कि इन्हीं नेताओं के नाम डायरी में दर्ज हैं। बसपा शासनकाल में किस ठेकेदार से कितना कमीशन लिया गया, वह भी डायरी में दर्ज बताया जा रहा है। जिन अधिकारी व नेताओं को कमीशन दिया गया था, उनके नाम भी डायरी में लिखे हुए हैं।

आयकर विभाग डायरी का अध्ययन कर रहा है। इसमें जिन लोगों के नाम लिखे हैं, उनसे शीघ्र ही पूछताछ की जा सकती है। ठेकेदारों व कमीशन देने और लेने वालों पर भी आयकर विभाग शिकंजा कस सकता है।

टेंडर डालने वालों से भी हो सकती है पूछताछः

15 दिन पहले ही यादव सिंह को तीनों प्राधिकरणों के प्रमुख अभियंता के पद पर बैठाया गया था। इस दौरान उन्होंने नोएडा व ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में तीन दर्जन निर्माण कार्यो के ठेकों के टेंडर निकाले थे। यादव सिंह के यहां छापेमारी के दौरान दस करोड़ रुपये से अधिक की बरामदगी हुई है।

यह पैसा टेंडर लेने वाले ठेकेदारों का तो नहीं है, इसकी पूछताछ के लिए टेंडर डालने वाले ठेकेदारों व निर्माण एजेंसी के संचालकों को पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है। सूत्रों का दावा है कि तीनों प्राधिकरणों के प्रमुख अभियंता का कार्यभार संभालने के बाद यादव सिंह ने ठेकेदारों को टेंडर देते समय प्राधिकरण के अन्य अधिकारियों की नहीं सुनी।

अधिकारियों व परियोजना विभाग में तैनात प्रबंधकों, वरिष्ठ प्रबंधकों को भी नजरअंदाज कर दिया गया। इससे सभी लोग यादव सिंह से खफा थे।

बसपाइयों के संपर्क के कारण सपाई भी हो गए नाराजः

सूत्र बताते हैं कि यादव सिंह तीनों प्राधिकरण के प्रमुख अभियंता का कार्यभार ग्रहण करने के बाद बसपाई सक्रिय हो गए। जिन बसपाइयों ने अपनी पार्टी के शासनकाल के दौरान निर्माण कार्य के टेंडर लिए थे, उन बसपाइयों के सक्रिय होते ही सपाई भी यादव सिंह के खिलाफ लामबंद होने लगे।

जिन लोगों को यादव सिंह ने निर्माण कार्य के ठेकों के टेंडर दिए, उनमें कई बसपा से जुड़े बताए जा रहे हैं। यह बात सपाइयों को अखर रही थी। अपनी सरकार के खिलाफ सपाई इस फैसले के खिलाफ खुलकर बोलने लगे थे। प्रमुख अभियंता का कार्यभार ग्रहण करने के बाद यादव सिंह के संपर्क में आने वाले बसपाइयों से भी पूछताछ संभव है।

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