Move to Jagran APP

राज ठाकरे ने फिर उगली आग, छेड़ा परप्रांतीय विरोधी राग

परप्रांतीय विरोधी रुख के लिए जाने-जाने वाले महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के मुखिया राज ठाकरे ने विस चुनाव के मौके पर फिर परप्रांतीय विरोध का राग अलापा है। राज ने मंगलवार को अमरावती में एक सभा में कहा, सूबे में काम कर रही निजी सुरक्षा एजेंसियां बड़े पैमाने पर दूसरे प्रांतों से आने वाले युवकों क

By Sanjay BhardwajEdited By: Updated: Wed, 01 Oct 2014 08:36 AM (IST)
Hero Image

मुंबई [ओम प्रकाश तिवारी]। परप्रांतीय विरोधी रुख के लिए जाने-जाने वाले महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के मुखिया राज ठाकरे ने विस चुनाव के मौके पर फिर परप्रांतीय विरोध का राग अलापा है। राज ने मंगलवार को अमरावती में एक सभा में कहा, सूबे में काम कर रही निजी सुरक्षा एजेंसियां बड़े पैमाने पर दूसरे प्रांतों से आने वाले युवकों को नौकरी देती हैं। यदि मैं सत्ता में आया तो इन एजेंसियों को बंद कर राज्य सरकार की सुरक्षा एजेंसियां शुरू करूंगा, जिसमें सिर्फ महाराष्ट्र के युवाओं को नौकरियां दी जाएंगी। वहीं, सिक्योरिटी एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने राज के बयान पर एतराज जताया है। एसोसिएशन चुनाव आयोग में शिकायत करने की भी सोच रहा है।

महाराष्ट्र में 120 सीटों पर प्रत्याशी उतारने वाले राज ने मराठियों के ध्रुवीकरण की मंशा से जनसभा में कहा,सूबे में मनसे की सरकार बनी तो मराठियों के अधिकार सर्वोपरि होंगे। वहीं,सिक्योरिटी एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने कहा, सूबे में निजी सुरक्षा एजेंसियों के जरिये पांच लाख व मुंबई में पौने दो लाख गार्ड हाउसिंग सोसायटियों, औद्योगिक व व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में सेवाएं दे रहे हैं। इनमें से 70 फीसद महाराष्ट्र के ही हैं। ठाकरे का यह कहना गलत है कि एजेंसियों में परप्रांतियों की बहुतायत है। एसोसिएशन के अध्यक्ष गुरचरन सिंह चौहान के अनुसार, एजेंसियों के कुल गार्डोमें 10 फीसद सेवानिवृत्त सैन्यकर्मी होते हैं। एजेंसियों के सरकारीकरण की स्थिति में रोजगार पाने वालों को निवास प्रमाण पत्र पेश करना होगा,जो दूसरे राज्यों के पूर्व सैन्यकर्मी नहीं दे सकेंगे। कई स्थानों पर पूर्व सैन्यकर्मियों की ही मांग की जाती है।

पढ़ें : चुनाव बाद हो सकता है उद्धव-राज का भरत मिलाप