राजस्थान उप चुनाव: भाजपा को झटका, कांग्रेस को मिली संजीवनी
राजस्थान की चार विधानसभा सीटों पर हुए उप चुनाव में भाजपा को करारा झटका लगा है। कांग्रेस नौ महिने पहले विधानसभा चुनाव और फिर लोकसभा चुनाव में चली मोदी लहर और वसुंधरा राजे की चमक दोनों को पीछे छोड़ते हुए चार में से तीन सीटों पर विजय हांसिल की है। नौ माह पूर्व हुए विधानसभा चुनाव में इन सभी सीटों पर
जयपुर [नरेंद्र शर्मा]। राजस्थान की चार विधानसभा सीटों पर हुए उप चुनाव में भाजपा को करारा झटका लगा है। कांग्रेस नौ महीने पहले विधानसभा चुनाव और फिर लोकसभा चुनाव में चली मोदी लहर और वसुंधरा राजे की चमक दोनों को पीछे छोड़ते हुए चार में से तीन सीटों पर विजय हासिल की है। नौ माह पूर्व हुए विधानसभा चुनाव में इन सभी सीटों पर भाजपा ने कांग्रेस प्रत्याशियों को भारी मतों के अंतर से हराया था और फिर इसके बाद हुए लोकसभा चुनाव में भी भाजपा की बढ़त कायम रही। ये चारों सीटें लोकसभा चुनाव जीत चुके भाजपा विधायकों के इस्तीफों के कारण रिक्त हुई थी। भाजपा ने चारों सीटों पर अपनी जीत पक्की मानकर चल रही थी, लेकिन ना तो वसुंधरा राजे सरकार और ना ही भाजपा संगठन जनता के मूड को समझ सके। मतदाताओं ने भाजपा से अधिक कांग्रेस पर भरोसा किया, जिसका नतीजा यह रहा कि चार में से मात्र एक सीट जीत कर भाजपा को संतोष करना पड़ा।
राज्य और केंद्र में सत्ता हासिल करने के कुछ माह बाद हुए चार सीटों के उप चुनाव में मतदाताओं ने भाजपा को यह सोचने को विवश कर दिया कि कहीं ना कहीं तो गलती हो रही है। हालांकि केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की वसुंधरा राजे सरकार ने जनहित के कई निर्णय किए। लेकिन भाजपा संगठन और विधायकों की कमी यह रही कि इन निर्णयों को मतदाताओ तक प्रचारित नहीं कर सके। कार्यकर्ता स्वयं की सत्ता में हिस्सेदारी महसूस नहीं कर रहा। उम्मीदवारों का चयन, आंतरिक कलह, विधानसभा से इस्तीफा देकर सांसद बने चारों नेताओं द्वारा की गई भीतरघात और बाहरी नेताओं को क्षेत्र बदलकर चुनाव लड़वाया जाना भाजपा की हार के कारण माने जा रहे हैं।