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दुष्कर्म मामले में राजस्थान के मंत्री का इस्तीफा

जयपुर [जागरण संवाददाता]। अपने सरकारी आवास पर नौकरी का झांसा देकर महिला से दुष्कर्म मामले में फंसे राजस्थान के दुग्ध विकास मंत्री बाबूलाल नागर ने गुरुवार को इस्तीफा दे दिया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाएगा। विधानसभा चुनाव की तैयारियों के दौर में सामने आए इस मामले में जल्द ही नागर की गिरफ्तारी भी हो सकती है। चरित्रहीनता और भ्रष्टाचार मामले में मंत्रिपद गंवाने वाले नागर राजस्थान की गहलोत सरकार के पांचवें मंत्री है।

By Edited By: Updated: Thu, 19 Sep 2013 07:53 PM (IST)
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जयपुर [जागरण संवाददाता]। अपने सरकारी आवास पर नौकरी का झांसा देकर महिला से दुष्कर्म मामले में फंसे राजस्थान के दुग्ध विकास मंत्री बाबूलाल नागर ने गुरुवार को इस्तीफा दे दिया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाएगा। विधानसभा चुनाव की तैयारियों के दौर में सामने आए इस मामले में जल्द ही नागर की गिरफ्तारी भी हो सकती है। चरित्रहीनता और भ्रष्टाचार मामले में मंत्रिपद गंवाने वाले नागर राजस्थान की गहलोत सरकार के पांचवें मंत्री है।

गहलोत बोल, कानून सबके लिए बराबर

मामले पर विपक्षी भाजपा के तेवर आक्रामक हैं और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने सीबीआइ जांच की मांग की है।

इस्तीफा देने के बाद नागर ने कहा कि उन्हें राजनीतिक षडयंत्र के तहत फंसाया गया है। कोई कुछ भी कर ले लेकिन अपने क्षेत्र से चुनाव वे ही जीत सकते हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से जल्द निष्पक्ष जांच का अनुरोध किया है। मामले की जांच राज्य की खुफिया इकाई सीआइडी को सौंपी गई है। सीआइडी की टीम ने नागर से सिविल लाइंस स्थित सरकारी आवास पर करीब आधा घंटे तक उनसे पूछताछ की।

पुलिस ने गुरुवार को पीडि़ता का मेडिकल परीक्षण कराया, उसके वे कपड़े सील कर दिए गए जो उसने घटना के समय पहने हुए थे। कपड़ों की फॉरेंसिक जांच होगी। मंत्री के आवास के कमरे में घटना हुई उसे भी सील कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि पीड़िता को सरकार पूरी सुरक्षा देगी। विदित हो कि पीड़िता ने अपनी जान को खतरा बताया था।

अंतर्कलह भी सामने आई

नागर प्रकरण को लेकर दो दिन से कांग्रेस में जयपुर से दिल्ली तक हंगामा मचा हुआ है। बुधवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव गुरुदास कामत ने मामले की पूरी रिपोर्ट मांगी और पार्टी नेतृत्व से चर्चा के बाद मुख्यमंत्री से नागर का इस्तीफा लेने को कहा। आलाकमान से मिले निर्देश के बाद मुख्यमंत्री ने नागर से इस्तीफा मांग लिया। कांग्रेस विधायक और प्रदेश चुनाव समिति के सदस्य रिटायर्ड कर्नल सोना राम, सहित कई नेताओं ने नागर पर हमला बोलते हुए कहा है कि वह पार्टी के बड़े नेताओं के चहेते हैं, इसलिए मामले की निष्पक्ष जांच नहीं होगी। नागर का इस्तीफा मंजूर कर जांच सीबीआइ को सौंपनी चाहिए।

भाजपा को मिला अहम मुद्दा

चुनाव से ठीक पहले हुए इस घटनाक्रम के कारण जहां कांग्रेस की चुनावी तैयारियों को आघात लगा, वहीं भाजपा अब इसे प्रकरण को भी राजनीतिक मुद्दा बनाने में जुट गई। गौरतलब है कि इससे पहले राज्य में मंत्री रहते हुए महिपाल मदेरणा को भंवरी देवी दुष्कर्म, अश्लील सीडी एवं हत्या मामले में इस्तीफा देना पड़ा था। इसी मामले में आरोपी कांग्रेस विधायक मलखान सिंह भी अभी जोधपुर जेल में बंद है।

इसके बाद खान मंत्री रहे रामलाल जाट को एक महिला के यौन उत्पीड़न और फिर उसका शव लेकर घूमने के मामले में इस्तीफा देना पड़ा। जबकि भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते भंवर लाल मेघवाल को शिक्षा मंत्री और खान राज्यमंत्री भरौसी लाल को इस्तीफा देना पड़ा था।

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