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धौलपुर पैलेस मामले में जयराम के आरोपों को भाजपा ने नकारा

धौलपुर पैलेस पर कब्‍जे को लेकर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मंगलवार को राजस्‍थान की मुख्‍यमंत्री वसुंधरा राजे और उनके पुत्र दुष्‍यंत पर कई आरोप लगाए। उन्‍होंने इसके समर्थन में कई दस्‍तावेज भी पेश किए। आज एक प्रेस कांफ्रेंस में उन्‍होंने दुष्‍यंत पर धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए कहा कि

By Sachin kEdited By: Updated: Tue, 30 Jun 2015 09:18 PM (IST)
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नई दिल्ली। धौलपुर पैलेस पर कब्जे को लेकर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मंगलवार को राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और उनके पुत्र दुष्यंत पर कई आरोप लगाए। उन्होंने इसके समर्थन में कई दस्तावेज भी पेश किए। आज एक प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने दुष्यंत पर धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए कहा कि यह महल सरकारी संपत्ति है।

उन्होंने कहा कि वर्ष 1949 में कांग्रेस ने कागज पेश किए। उनका कहना था कि यह देश का नंबर वन घोटाला है। जयराम ने आरोप लगाया कि वसुंधरा और दुष्यंत ने सरकारी संपत्ति को निजी बनाकर उसका दो करोड़ का मुआवजा भी हासिल किया।

इससे पहले भी जयराम ने सोमवार को वसुंधरा राजे पर ललित मोदी के साथ मिलकर गैरकानूनी ढंग से धौलपुर पैलेस पर कब्जा करने का आरोप लगाया। लेकिन तथ्यों के आगे रमेश का एक भी आरोप टिक नहीं सका।

जयपुर में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी ने नए-पुराने सभी दस्तावेज पेश करते हुए कहा कि पैलेस पर वसुंधरा के पुत्र दुष्यंत का वैधानिक अधिकार है। इसे खुद तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने भी माना था। इस घटना के बाद भाजपा आश्वस्त होने लगी है कि अब कांग्रेस के पास ऐसा कोई तथ्य नहीं है, जिससे सरकार और पार्टी की छवि को खतरा हो सके।

आरोपों से कांग्रेस ने फैलाई सनसनी
-जयराम रमेश के मुताबिक, राजे के उनसे अलग रह रहे पति हेमंत सिंह ने एक अदालत के सामने माना था कि यह पैलेस राजस्थान सरकार की संपत्ति है।
-1954 और 2010 के बीच के राजस्व विभाग के कई दस्तावेज यह दर्शाते हैं कि यह महल सरकार की संपत्ति है।
-इसके बावजूद वसुंधरा और ललित मोदी की कंपनी नियंत हेरिटेज होटल्स ने इसे एक आलीशान होटल में बदल दिया और सौ करोड़ रुपये का निवेश किया।
-राजे ने 2013 के विधानसभा चुनाव के अपने हलफनामे में पुत्र दुष्यंत सिंह, पुत्रवधू निहारिका सिंह और ललित मोदी के साथ नियंत हेरिटेज होटल्स प्राइवेट लिमिटेड में अपने शेयर होने की बात स्वीकारी थी।
-हलफनामे के मुताबिक, राजे के पास 3280 शेयर, दुष्यंत के पास 3225 और निहारिका के पास भी करीब इतने ही शेयर हैं।
-ललित मोदी की कंपनी आनंद हेरिटेज होटल्स प्राइवेट लिमिटेड के पास भी 815 शेयर होना, वित्तीय संबंध और साझेदारी को स्थापित करता है।

भाजपा के तथ्यों से सारे आरोप धड़ाम

-प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अशोक परमानी ने केंद्र सरकार और धौलपुर नगर पालिका के दस्तावेजों को दिखाते हुए कहा कि सभी रिकार्ड में सिटी पैलेस और अन्य संपत्तियां दुष्यंत के नाम हैैं।

-केंद्र सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने 1956 में अधिसूचना जारी की थी। सभी दस्तावेजों पर केंद्र सरकार और पूर्व महाराजा व दुष्यंत के पिता हेमंत सिंह के हस्ताक्षर हैैं।
-2007 से संपत्ति दुष्यंत सिंह के नाम है। 17 जून 2007 को डिक्री भी जारी कर दी गई। इसका पंजीकरण अगस्त 2007 में किया गया।

-सिटी पैलेस धौलपुर की संपत्ति में से 567 वर्गगज तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने 2010 में अधिगृहीत की थी। यह अधिग्रहण राष्ट्रीय राजमार्ग द्वारा किया गया था। इसके बदले दुष्यंत को 1.97 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया गया था।

ऐसे उलटा पड़ा कांग्रेस का दांव

-रमेश ने जिन तथ्यों के सहारे हमले का तानाबाना बुना था उसका आधार ही गलत निकला। रमेश के आरोपों के तत्काल बाद भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने जयपुर से सारे दस्तावेज मंगाकर उसे परखा। उसके बाद जयपुर में भाजपा ने कांग्र्रेस को ही कठघरे में खड़ा कर दिया।

अब कांग्रेस से भाजपा के सवाल
-यदि यह संपत्ति सरकार की थी तो तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने मुआवजा दुष्यंत को क्यों दिया था?
- अगर धौलपुर पैलेस सरकार की संपत्ति थी तो कांग्र्रेस के ही कार्यकाल में इसे लग्जरी होटल में बदलने की अनुमति कैसे मिली?

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