Move to Jagran APP

'क्‍या सड़कों पर मांझी से विवाद सुलझाना चाहते हैं नीतीश'

बिहार में मुख्‍यमंत्री जीनत राम मांझी और नीतीश कुमार के बीच छिड़ा विवाद चरम पर पहुंच गया है। मांझी को जेडीयू से निष्‍कासित कर दिया ग्‍या है, जिसपर भाजपा ने सवाल खड़ा कर दिया है। भाजपा का कहना है कि मांझी का पार्टी से निष्‍कासन अवैध है।

By T empEdited By: Updated: Mon, 09 Feb 2015 05:24 PM (IST)

नई दिल्ली। बिहार में मुख्यमंत्री जीनत राम मांझी और नीतीश कुमार के बीच छिड़ा विवाद चरम पर पहुंच गया है। मांझी को जेडीयू से निष्कासित कर दिया ग्या है, जिसपर भाजपा ने सवाल खड़ा कर दिया है। भाजपा का कहना है कि मांझी का पार्टी से निष्कासन अवैध है।

भाजपा नेता राजीव प्रताप रूडी ने पूछा है, 'आखिर क्यों जीतन राम मांझी को गैरकानूनी तरीके से पार्टी से निष्कासित किया है। क्या उनमें मुख्यमंत्री बने रहने की क्षमता नहीं है।' दरअसल, नीतीश कुमार ने लोकसभा चुनावों में जेडीयू के खराब प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। नीतीश ने मुख्यमंत्री पद जीनत राम मांझी को दे दिया था।

19 के बाद कभी भी सदन में बहुमत को तैयार: मांझी

नीतीश अब फिर मुख्यमंत्री पद पर आसीन होना चाहते हैं, लेकिन मांझी कुर्सी छोड़ने को तैयार नहीं हैं। रूडी का कहना है, 'अगर कोई विवाद है भी तो क्या नीतीश कुमार इसे पटना की गलियों या दिल्ली में सुलझाना चाहते हैं। कोई व्यक्ति मुख्यमंत्री पद के लिए उपयुक्त है या नहीं इसका फैसला विधानसभा में होता है, जहां विधायक उसको समर्थन देते हैं या फिर नहीं।'

सदन में बहुमत साबित कर देंगे मांझी: भाजपा

नीतीश कुमार ने राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है। उधर मांझी का कहना है कि उनके पास भी संख्या है और वह जब चाहे बहुमत साबित कर सकते हैं। मांझी का कहना है कि नीतीश कुमार विधानसभा के सदस्य नहीं हैं और उनका नेता चुना जाना गलत और अवैध है।

इसे भी पढ़ें: नीतीश ने कराई 130 विधायकों की परेड, सरकार बनाने का दावा पेश