उत्तराखंड सरकार गिराने के आरोप पर बोले रामदेव, 'हमारी कोई भूमिका नहीं'
योगगुरू बाबा रामदेव ने कहा कि उत्तराखंड में जारी सियासी संकट से उनका कोई लेना देना नहीं है और उन्हें बेवजह इस मामले में घसीटा जा रहा है।
By Atul GuptaEdited By: Updated: Fri, 25 Mar 2016 04:51 PM (IST)
देहरादून। उत्तराखंड में चल रहे सियासी संकट के बीच योगगुरु रामदेव ने साफ कर दिया है कि सरकार गिराने में उनकी कोई भूमिका नहीं है। रामदेव ने कहा कि राजनीतिक घटनाओं के लिए उन्हें नहीं बल्कि राजनीतिक दलों को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। योगगुरु रामदेव ने कहा कि अगर उन्हें सरकार गिरानी होची तो वो लुकाछिपी का खेल नहीं करते। राजनीति करना उनका काम नहीं है। जो भी वो कुछ करते हैं खुले तौर पर करते हैं। सोनिया गांधी और राहुल गांधी को अपने दल के क्रियाकलापों पर बोलना चाहिए। राम देव ने कहा कि उनका कांग्रेस के बागियों से किसी तरह का लेना देना नहीं है।
दरअसल उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने गुरुवार को ये आरोप लगाते हुए सियासी गलियारे में हलचल मचा दी थी कि प्रदेश सरकार को गिराने की साजिश बाबा रामदेव और अमित शाह ने मिलकर रची है और इसी का नतीजा है कि कांग्रेस के विधायक हरीश रावत के खिलाफ बागी हो गए हैं।ये भी पढ़ेंः 'भारत माता की जय', के लिए संविधान में हो संशोधनः बाबा रामदेव किशोर ने ये भी कहा था कि उनके पास इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि रामदेव कांग्रेस के बागी विधायकों के संपर्क में थे। उन्होंने ये भी कहा था कि राज्य सरकार को गिराने के लिए रामदेव ने भाजपा के एजेंट के तौर पर काम किया।
बागी विधायकों की याचिका हाइकोर्ट ने की खारिजकांग्रेस के बागी विधायकों की याचिका को उत्तराखंड हाइकोर्ट ने खारिज कर दिया है। बागी विधायकों में से एक हरक सिंह रावत ने विधानसभा अध्यक्ष की नोटिस के खिलाफ हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी। रावत ने कहा था कि अध्यक्ष ने जो नोटिस दिया है वो भेदभाव से भरा हुआ है और उसका कोई औचित्य नहीं है।