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रमजान का रिफ्यूजी परिवार से ताल्लुक, इसलिए पाक बुलाने को तैयार नहीं

भारत की तमाम कोशिश के बावजूद पाकिस्तान रमजान को बुलाने के लिए तैयार नहीं हो रहा है। इसकी एक वजह रमजान का रिफ्यूजी परिवार से ताल्लुक होना बताई जाती है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Updated: Fri, 08 Apr 2016 04:14 AM (IST)
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भोपाल । भारत की तमाम कोशिश के बावजूद पाकिस्तान रमजान को बुलाने के लिए तैयार नहीं हो रहा है। इसकी एक वजह रमजान का रिफ्यूजी परिवार से ताल्लुक होना बताई जाती है। अंततः अब उसे बांग्लादेश पिता के पास भेजा जाएगा।

इसी क्रम में उसे बुधवार को पश्चिम बंगाल के चौबीस परगना जिले के लिए रवाना कर दिया गया। वहां की एक स्वयं सेवी संस्था उसे बांग्लादेश भेजने की कवायद कर रही है। अक्टूबर-2013 से चाइल्ड लाइन के शेल्टर होम 'उम्मीद' में रह रहा रमजान बुधवार को चौबीस परगना जिले के लिए रवाना हो गया। जाने से पहले भावुक हुए रमजान ने कहा कि भारत के लोग काफी अच्छे हैं। यहां मिला दुलार वह जीवनभर नहीं भूल सकता। शेल्टर होम के साथी बच्चों ने भी उसे ग्रीटिंग, घड़ी जैसे गिफ्ट दिए।

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उसे चाइलड लाइन के रवि कुमार और विजय कुमार अपने साथ लेकर अमरकंटक एक्सप्रेस से रवाना हुए। चाइल्ड लाइन की संचालक अर्चना सहाय ने बताया कि रमजान को चौबीस परगना की बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के सामने पेश किया जाएगा। इसके बाद उसे स्वयंसेवी संस्था 'सनलाप' को सौंप दिया जाएगा। 'सनलाप' संस्था की संचालक ताप्ती भौमिक बांग्लादेश दूतावास से रमजान की वापसी को लेकर सक्रिय हैं। जाहिर की थी पाकिस्तान जाने की इच्छा रमजान को पाकिस्तान में अपनी मां के पास जाने की इच्छा थी। इसके लिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी पहल की थी।

इसी क्रम में पाक हाई कमीशन के अफसर भी भोपाल आकर रमजान से मिले थे, लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी पाकिस्तान की ओर से रमजान को लेने में रुचि नहीं दिखाई गई। अर्चना सहाय के मुताबिक रमजान रिफ्यूजी (शरणार्थी) परिवार से ताल्लुक रखता है। संभवतः इस वजह से पाक उसे स्वीकार नहीं कर रहा है। अंततः उसे पिता के पास बांग्लादेश भेजा जा रहा है।

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कौन है रमजान

कराची की मूसा कॉलोनी में रहने वाले रमजान की मां का नाम रजिया और पिता का नाम ताजउल मुल्क है। माता-पिता का तलाक होने के बाद पिता रमजान को अपने साथ लेकर बांग्लादेश आ गया था। वहां उसने दूसरी शादी कर ली। सौतेली मां ने रमजान को परेशान करना शुरू कर दिया, तो वह मां के पास कराची जाने के लिए घर से भाग निकला, लेकिन सरहद पर भटककर भारत में आ गया। अगरतला, रांची, कोलकाता, दिल्ली होते हुए 2013 में वह भोपाल आ गया। रेलवे पुलिस ने उसे पकड़कर चाइल्ड लाइन के सुपुर्द कर दिया। फरवरी-15 में उसके कराची का होने के बारे में पता चला। वह चौथी कक्षा तक पढ़ा है।