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दर्द से तड़प रही रेप की शिकार मासूम, दवा के लिए नहीं पैसे

अधेड़ पड़ोसी की हैवानियत की शिकार 2 साल की मासूम बच्ची को 48 घंटे बाद होश आ गया। ग्वालियर के कमलाराजा हॉस्पिटल में ऑपरेशन के बाद उसका जीवन तो बचा लिया गया, लेकिन उसके आंतरिक अंग बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं। अब तक भी मासूम दर्द से तड़प रही

By Rajesh NiranjanEdited By: Updated: Wed, 11 Mar 2015 08:29 AM (IST)
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ग्वालियर/शिवपुरी। अधेड़ पड़ोसी की हैवानियत की शिकार 2 साल की मासूम बच्ची को 48 घंटे बाद होश आ गया। ग्वालियर के कमलाराजा हॉस्पिटल में ऑपरेशन के बाद उसका जीवन तो बचा लिया गया, लेकिन उसके आंतरिक अंग बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं। अब तक भी मासूम दर्द से तड़प रही है। मासूम एक मिनट के लिए भी शरीर स्थिर नहीं रख पा रही। उसके मजदूर पिता के पास दवा खरीदने तक के पैसे नहीं हैं। मां इस आस में बेटी के सिर पर हाथ फेर रही है कि उसे दर्द से राहत मिल जाएगी।

रविवार दोपहर 50 वर्षीय दरिंदे का शिकार बनी मासूस का ऑपरेशन मंगलवार सुबह कमलाराजा अस्पताल के चाइल्ड सर्जरी वार्ड में हुआ। सर्जन डॉ. समीर गुप्ता ने नईदुनिया को बताया बच्ची को बचा लिया, लेकिन उसकी बच्चादानी बुरी तरह डैमेज है। योनि व मल द्वार भी फट गए हैं। वह अब खतरे से बाहर है, लेकिन बिस्तर से उठने में दो माह लगेंगे। एक महीने बाद फिर ऑपरेशन होगा।

बच्ची के होश में आने पर जैसे ही मां को देखा उठने लगी और दर्द से चीखते हुए बिस्तर पर ही गिर गई। पिता ने बताया आरोपी पृथ्वीराज कोली तीन दिन पहले तक बेटी को गोद देने की जिद कर रहा था। रविवार दोपहर वह दादा के पास खेल रही थी। तभी पृथ्वीराज बाइक से आया और बच्ची को बिस्किट दिलाने ले जाने लगा। उसे नशे में देख मैंने रोकना चाहा, लेकिन मेरे पिता बोल पड़े बिस्किट दिलाने तो ही ले जा रहा है, जाने दो।

मासूम के पिता के पांच बच्चे हैं। सबसे बड़ी बेटी 8 साल की, दूसरी 5, तीसरी 3 और अस्पताल में भर्ती बच्ची 2 साल की है। पांचवां बेटा है, जो आठ माह का है।

पहले इलाज न मिलने से बिगड़ी हालत

शिवपुरी जिले के करैरा थाना क्षेत्र में रविवार की दोपहर दुष्कर्म के बाद 6 घंटे बाद तक बच्ची को इलाज नहीं मिला। लगातार रक्तस्राव होने से हालत बिगड़ गई। शिवपुरी अस्पताल में डॉक्टर रक्तस्राव नहीं रोक सके तो सोमवार को ग्वालियर रेफर कर दिया। वहांं भी ऑपरेशन मंगलवार सुबह हो पाया।

मासूम की मां को भी पीटा

मासूम की मां ने बताया घटना के 1 घंटे बाद ही आरोपी बाइक से मासूम को ले आया। तब बच्ची बेहोश थी। उसके पैर खून से सने थे और आंखों की पुतली ऊपर चढ़ गई थीं। बेटी की हालत देख मां ने आरोपी को पकडऩे का प्रयास किया, लेकिन वह हाथा-पाई कर भाग निकला। बेटी का दर्द देखकर कहा भगवान है तो उस राक्षस को मौत की सजा देगा।

एंबुलेंस की फर्श पर...

दिल्ली में निर्भया कांड से पूरा तंत्र हिल गया था, लेकिन शिवपुरी पुलिस मासूम का दर्द महसूस न करते हुए घटना को दबाने में जुट गई। एसपी एमएल छारी से लेकर पूरा अमला यही कर रहा था। एसडीओपी एसकेएस तोमर ने कबूला टीआई कैलाश बाबू आर्य ने 2 घंटे तक मासूम के थाने में बैठाकर रखा। एसपी भी पूरी जानकारी होने के बाद भी मीडिया से छिपाते रहे। बच्ची को ग्वालियर ले गई एबुलेंस में भी जवान सीट पर बैठे और घायल बच्ची को गोद लेकर उसकी मां को फर्श पर बैठना पड़ा।

ये बोले एसपी

हमने आरोपी को तत्काल गिरफ्तार कर पूछताछ की। पीडि़ता का मेडिकल कराया गया आरोपी को न्यायालय में पेश कर दिया। -एमएल छारी, एसपी शिवपुरी।

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