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छत्तीसगढ़ में मिला दुर्लभ सांप

छत्तीसगढ़ सांपों के गढ़ के रूप में पहचान बना रहा है। यहां लगातार सांपों की नई प्रजातियां मिल रही हैं। वन विभाग ने सांपों के सर्वे का जिम्मा नोवा नेचर वेलफेयर सोसाइटी को दिया है।

By Gunateet OjhaEdited By: Updated: Fri, 22 May 2015 01:29 AM (IST)
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रायपुर। छत्तीसगढ़ सांपों के गढ़ के रूप में पहचान बना रहा है। यहां लगातार सांपों की नई प्रजातियां मिल रही हैं। वन विभाग ने सांपों के सर्वे का जिम्मा नोवा नेचर वेलफेयर सोसाइटी को दिया है।

सोसाइटी ने एक ऐसा ही सांप सर्वे के दौरान ढूंढ निकाला है, जो अब तक सिर्फ महाराष्ट्र में ही देखा गया है। इस सांप को इंडियन स्मूथ स्नेक और क्रोनेला ब्राचुरेला नाम से जाना जाता है।

सोसाइटी की टीम अक्टूबर, 2014 से एक साल के लिए राजनांदगांव और दुर्ग जिले में सांपों के सर्वे के प्रोजेक्ट पर काम कर रही है। अब तक 18 प्रजाति के सांप सर्वे के दौरान मिले चुके हैं। वन विभाग के अपर प्रधान वन संरक्षक केसी बेवर्ता ने कहा कि यह राज्य के लिए बड़ी उपलब्धि है।

शांत होता है स्वभाव

इस सांप के बारे में बेहद कम जानकारी है। यह बहुत ही शांत स्वभाव का है। इस प्रजाति के सांप शुष्क इलाकों में पत्थर के ढेर के नजदीक मिले हैं। पेड़ों में भी रहने की जानकारी है। ये छिपकली को कुंडली में फंसा कर खाते हैं, इसके अलावा मेढक को भी खाना पसंद करते हैं।

ये चिकने होते हैं। सिर गर्दन से हल्के चौड़े होते हैं। गोल पुतली वाली बड़ी आंखें होती हैं। पीठ का रंग हल्के से गाढ़ा भूरा होता है और पेट सफेद और दुम लंबी होती है। यह सांप विषहीन होता है।