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मध्यमवर्ग को आयकर से मुक्त करने का भाजपा ने चला दांव

नई दिल्ली [जाब्यू]। लोकसभा चुनाव के पहले मध्यमवर्ग को अपनी ओर खींचने के लिए भाजपा ने उनकी बचतों को आयकर मुक्त करने का पत्ता खेल दिया है। हाल ही में भाजपा में शामिल हुए सुब्रह्मण्यम स्वामी ने बैंकों में की गई सावधि जमा या शेयर में किए गए निवेश को आयकर के दायरे से बाहर करने की मांग की है। उनके अनुसार इसे भाजपा के चुनावी घोषणा-प

By Edited By: Updated: Sat, 21 Sep 2013 09:37 PM (IST)

नई दिल्ली [जाब्यू]। लोकसभा चुनाव के पहले मध्यमवर्ग को अपनी ओर खींचने के लिए भाजपा ने उनकी बचतों को आयकर मुक्त करने का पत्ता खेल दिया है। हाल ही में भाजपा में शामिल हुए सुब्रह्मण्यम स्वामी ने बैंकों में की गई सावधि जमा या शेयर में किए गए निवेश को आयकर के दायरे से बाहर करने की मांग की है। उनके अनुसार इसे भाजपा के चुनावी घोषणा-पत्र में शामिल करने की तैयारी भी शुरू हो गई है।

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आयकर को मध्यम वर्ग के लिए उत्पीड़न कर बताते हुए सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा, इससे केंद्र सरकार को केवल दो लाख करोड़ रुपये सालाना मिलते हैं। आयकर में मिलने वाली इस छूट से सरकारी खजाने को होने वाले नुकसान को आसानी से पूरा किया जा सकता है। स्वामी के अनुसार, केवल कोयला ब्लाकों के बाजार मूल्य पर आवंटन से सरकार को 12 लाख करोड़ रुपये मिल सकते थे, लेकिन भ्रष्टाचार में डूबी यूपीए सरकार मध्यमवर्ग की जेब में सेंध लगाने में जुटी है। देश की अर्थव्यवस्था को आइसीयू में बताते हुए उन्होंने कहा, इसे बाहर निकालने के लिए घरेलू बचत को बढ़ावा देने की जरूरत है। बचत को आयकर से मुक्त करने से यह संभव है।

स्वामी ने डालर के मुकाबले रुपये की गिरती कीमत के लिए गांधी परिवार और वित्त मंत्री पी. चिदंबरम पर निशाना साधा और कहा, वायदा कारोबार में करोड़ों की कमाई के लिए रुपये को गिरने दिया जा रहा है। वाजपेयी और मनमोहन सिंह के कार्यकाल की तुलना करते हुए कहा, वाजपेयी के छह साल के कार्यकाल में रुपये की कीमत चार रुपये गिरी, लेकिन मनमोहन के नौ साल के कार्यकाल में कीमत 23 रुपये से अधिक गिर चुकी है।

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