देश की राजधानी दिल्ली में सरकार बनाने को लेकर आम आदमी पार्टी [आप] ने भले ही अपने पत्ते नहीं खोले हो, लेकिन सरकार बनाने को लेकर वह बेहद दबाव में है। कांग्रेस के बिना शर्त समर्थन की घोषणा से आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल बुरी तरह घिरे दिख रहे हैं। केजरीवाल न तो हां कह पा रहे हैं और न ही ना। इन सबके बीच उन्होंने कहा है कि वे दिल्ली की जनता से राय लेकर सोमवार को सरकार बनाने पर अपना रुख साफ करेंगे।
By Edited By: Updated: Fri, 20 Dec 2013 10:05 AM (IST)
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में सरकार बनाने को लेकर आम आदमी पार्टी [आप] ने भले ही अपने पत्ते नहीं खोले हो, लेकिन सरकार बनाने को लेकर वह बेहद दबाव में है। कांग्रेस के बिना शर्त समर्थन की घोषणा से आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल बुरी तरह घिरे दिख रहे हैं। केजरीवाल न तो हां कह पा रहे हैं और न ही ना। इन सबके बीच उन्होंने कहा है कि वे दिल्ली की जनता से राय लेकर सोमवार को सरकार बनाने पर अपना रुख साफ करेंगे।
उधर, एक न्यूज चैनल और नीलसन ने इस मामले में दिल्ली की जनता से राय मांगी कि क्या कांग्रेस के समर्थन से दिल्ली में आम आदमी पार्टी को सरकार बनानी चाहिए? सर्वे में 80 फीसद लोगों ने कहा कि केजरीवाल को कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनानी चाहिए। वहीं, 19 फीसद लोगों का ख्याल है कि केजरीवाल को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है, इसलिए कांग्रेस के साथ मिलकर गठबंधन सरकार नहीं बनानी चाहिए। जबकि एक फीसद जनता की राय साफ नहीं है।
पढ़ें : सरकार बनाने के लिए किसी समय सीमा को नहीं मानेगी आप दिल्ली के ज्यादातर लोग दोबारा चुनाव नहीं चाहते हैं। जब इस सर्वे में पूछा कि किसी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है तो ऐसे में क्या दोबारा चुनाव होना चाहिए? इस सर्वे के मुताबिक, 64 फीसद लोग दोबारा चुनाव के खिलाफ हैं। 33 फीसद लोगों का कहना है कि दोबारा चुनाव होने में कोई हर्ज नहीं है। वहीं, 3 फीसद लोग इस मामले में असमंजस में दिखे।
साथ ही सर्वे के दौरान जब पूछा गया कि दोबारा चुनाव होने पर क्या वे केजरीवाल को वोट देंगे? जबाव में केजरीवाल का जादू साफ दिखा। 64 फीसद लोगों ने खुलकर कहा कि हां वे केजरीवाल को ही वोट देंगे। इसके मुकाबले 28 फीसद लोगों ने कहा कि वे केजरीवाल को वोट नहीं देंगे। 8 फीसद लोगों ने कोई राय नहीं दी। सर्वे में शामिल 71 फीसद लोगों ने इस चुनाव में आप को वोट दिया था। लेकिन, आज की स्थिति में 64 फीसद लोग ही केजरीवाल को वोट देना चाहते हैं। ऐसे में साफ है कि 7 फीसद लोगों का केजरीवाल से मोहभंग हुआ है। सर्वे के दौरान जब यह पूछा गया कि क्या आप अपने घोषणापत्र किए गए वादों को पूरा कर पाएगी? 59 फीसद लोगों ने कहा कि केजरीवाल वादे पूरे कर लेंगे, जबकि 29 फीसदी लोगों का कहना है कि केजरीवाल ने लंबे-चौड़े वादे तो किए हैं लेकिन वह जमीन पर नहीं उतार पाएंगे। खास करके बिजली दर में 50 फीसद की कटौती और 700 लीटर मुफ्त पानी। 12 फीसद लोग तय नहीं कर पा रहे हैं केजरीवाल के वादे पूरे होंगे या नहीं। एबीपी न्यूज ने चुनाव नतीजों के दो दिन बाद 10 दिसंबर को भी एक त्वरित सर्वे किया था जिसमें 66 फीसदी लोगों ने कहा था कि आप को दिल्ली में सरकार बनानी चाहिए।
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