ब्रसेल्स में हुए आतंकी हमले के पीछे बगदादी के ये हैं मंसबू और वजह!
उत्तर पूर्वी यूरोप में स्थिल बेल्जियम की गिनती छोटे लेकिन विकसित देशों के रूप में की जाती है। कुछ समय पहले तक यूरोप के इस हिस्से को काफी शांत और सुरक्षित माना जाता था। लेकिन पहले पेरिस और अब ब्रसेल्स में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों ने यहां पर भी आतंकी
नई दिल्ली [कमल कान्त वर्मा]। उत्तर पूर्वी यूरोप में स्थिल बेल्जियम की गिनती छोटे लेकिन विकसित देशों के रूप में की जाती है। कुछ समय पहले तक यूरोप के इस हिस्से को काफी शांत और सुरक्षित माना जाता था। लेकिन पहले पेरिस और अब ब्रसेल्स में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों ने यहां पर भी आतंकी साए की पुष्टि कर दी है। इसकी एक बड़ी वजह नाटो सेनाओं का इस्लामिक स्टेट के आतंकियों पर कड़ी कार्रवाई करना हो सकती है।
इन हमलों के पीछे एक दूसरी वजह यह भी हो सकती है कि बेल्जियम में ही कि नाटो का मुख्यालय भी मौजूद है।लिहाजा यहां पर आतंकी हमला करके पूरी दुनिया और खासकर नाटो को अपनी ताकत का अंदाजा करवाना चाहते हैं। पेरिस हमले के बाद से ही फ्रांस की खुफिया एजेंसी ब्रसेल्स में डेरा डाले हुए है। इसके अलावा कुछ दूसरे करीबी देश भी फ्रांस की खुफिया एजेंसियों की निगाह में हैं जहां पर आतंकियों ने पेरिस हमले के बाद या पहले शरण ली थी।
पेरिस हमले के बाद से ही ब्रसेल्स को आतंकियाें के छिपने की जगह के रूप में गिना जाने लगा है। यहां पर ध्यान देने वाली बात यह भी है कि अभी दो दिन पहले ही पेरिस हमले के प्रमुख संदिग्ध सालेह अब्देसलाम को भी ब्रसेल्स से ही सुरक्षाकर्मियों ने गिरफ्तार किया है। इससे पहले भी सुरक्षाबलों की छापेमारी में यहां छह से सात आतंकी मारे गए थे, जिसमें आत्मघाती महिला हमलावर भी शामिल थी। मुमकिन है कि मौजूदा समय में किए गए हमले इनकी एक प्रतिक्रिया के फलस्वरूप किए गए हों। दरअसल इस तरह के हमले करके आतंकी संगठन आईएस का प्रमुख बगदादी बेल्जियम को अपनी गिरफ्त में लेना चाहता है। लिहाजा यह कहना गलत भी नहीं होगा कि मंगलवार को किए गए धमाके इसकी ही एक प्रतिक्रिया के तहत किए गए हों। इसके अलावा दो दिन पहले इस्तानबुल में हुआ धमाका भी आईएस द्वारा अपने पांव फैलाने की तरफ एक इशारा तो है ही।
इस्लामिक स्टेट के यूरोप में बढ़ते कदम पूरी दुनिया के लिए खतरे की घंटी बन गए हैं। जानकारों का मानना है कि आईएस यूरोप के इन देशों में अपनी पेंठ बनाने और मुस्लिम युवाओं को बरगलाने में कामयाब हो रहा है। यही वजह है कि यहां के काफी मुस्लिम युवा आईएस में शामिल हो चुके हैं। इस बात की तसदीक कुछ मीडिया रिपोर्ट्स भी करती हैं। जिनमें बताया गया है कि अकेले बेल्जियम से ही करीब पांच सौ से अधिक मुस्लिम युवा आईएस में शामिल हो चुके हैं और यूरोप में आतंकी हमलों को या तो अंजाम देने का काम करने वाले हैं या कर चुके हैं।
पेरिस हमले के बाद से ही खुफिया एजेंसियों की निगाह में यूरोप के कुछ छोटे देश खटकने लगे हैं जहां इस तरह की गतिविधियों में लिप्त लोग हैं। पहले पेरिस और अब ब्रसेल्स में हुए धमाकों के बाद अमेरिका ने अपने नागरिकों को अलर्ट भी जारी किया है। इन आतंकी हमलों के मद्देनजर न सिर्फ अमेरिका में बल्कि दुनिया के कई दूसरे मुल्कों में सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता किया जा रहा है। इसमें भारत भी शामिल है। हालांकि वहां पर किसी भी भारतीय के इन हमलों में घायल या मारे जाने की कोई सूचना नहीं है। भारत के लगभग सभी बड़े एयरपाेर्ट पर ब्रसेल्स में हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इस हमले में अब तक 35 लोगों के मारे जाने की खबर है जबकि सौ से अधिक लोग इस हमले में घायल हुए हैं।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रसेल्स में हुई इस आतंकी कार्रवाई की निंदा करते हुए हमले में मारे गए लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है। पीएम मोदी ने घटना में घायल लोगों के जल्द स्वस्थ होने की कामना भी की है। इसके अलावा विदेश मंत्रालय ने यह भी साफ कर दिया है कि पीएम मोदी आगामी 30 मार्च को ब्रसेल्स में होने वाले भारत-यूरोपीय संघ सम्मेलन में शिरकत करेंगे। एक बयान में कहा गया है कि आतंकी हमलों के डर से पीएम मोदी इस कार्यक्रम को रद नहीं कर रहे हैं। इस दौरान भी विश्व के लिए खतरा बन रहे आतंकवाद पर चर्चा एक प्रमुख मुद्दा बनेगी।
ब्रसेल्स में हुए आतंकी हमले को देखते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय लगातार बेल्जियम में मौजूद अपने दूतावास के संपर्क में है और वहां रह रहे भारतीयों की लगातार जानकारी प्राप्त कर रहा है। बेल्जियम के पीएम ने अपने संदेश में इस हमले की निंदा करते इसको बेल्जियम के लिए अंधेरे का क्षण करार दिया है। बेल्जियम के प्रधानमंत्री चार्ल्स माइकल ने कहा कि 'यह हमारे राष्ट्र के लिए एक अंधेरे का क्षण है। हमें शांति और एकजुटता की जरूरत है। इन हमलों के बाद से ब्रसेल्स के एयरपोर्ट को बुधवार तक के लिए बंद कर दिया गया है। इस दौरान यहां की सभी उड़ानों पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है।
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