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सहारनपुर से दिन का क‌र्फ्यू हटा, दंगे के नौवें दिन शांति

सहारनपुर दंगे के एक हफ्ते बाद आज सहारनपुर का जनजीवन सामान्य की ओर लौटता दिखा। पिछले दिनों की अपेक्षा बाजार खुले और सड़कों पर भीड़भाड़ दिखी। आज कर्फ्यू में सुबह सात से शाम सात बजे तक की ढील दी गई है। उल्लेखनीय है कि कल दस घंटे की कर्फ्यू में ढील के दौरान सहारनपुर अपना खोया आपसी विश्वास ढूंढ़ता नजर आया। अब सह

By Edited By: Updated: Sun, 03 Aug 2014 11:44 AM (IST)
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लखनऊ। सहारनपुर दंगे के एक हफ्ते बाद आज सहारनपुर का जनजीवन सामान्य की ओर लौटता दिखा। पिछले दिनों की अपेक्षा बाजार खुले और सड़कों पर भीड़भाड़ दिखी। आज क‌र्फ्यू में सुबह सात से शाम सात बजे तक की ढील दी गई है। उल्लेखनीय है कि कल दस घंटे की क‌र्फ्यू में ढील के दौरान सहारनपुर अपना खोया आपसी विश्वास ढूंढ़ता नजर आया।

अब सहारनपुर में जनजीवन सामान्य की ओर लौट रहा है और शहर की सियासत पूरे प्रदेश को गरमा रही है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ दंगे के मुख्य आरोपी मोहर्रम अली उर्फ पप्पू की फोटो सामने आने के बाद आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। पप्पू को सभी प्रमुख सियासी दलों की सरपरस्ती है, लेकिन अब सभी इन्कार कर रहे हैं। आज सूबे के कैबिनेट शिवपाल यादव की टीम दंगों की जांच के लिए आ रही है। तमाम पार्टियों और संगठनों के प्रतिनिधि सहारनपुर पहुंच रहे हैं, लेकिन इस सबसे बेखबर सहारनपुर का आम शहरी अपने रोजनामचे में लगा है।

अधिकारी और अर्धसैनिक बल पूरी एहतियात बरत रहे हैं। दंगों में आगजनी का सबसे ज्यादा शिकार हुआ अंबाला रोड के बाजार में भी दुकानदारों ने बचे-खुचे सामान के साथ दुकानें खोली और मरम्मत वगैरह का काम शुरू कराया। शहर के सभी बाजार खुले दिख रहे हैं। आज भी सड़कों की भीड़ किराना की दुकानों की ओर रुख कर रही है।

दंगों के लिए भाजपा जिम्मेदार: सपा

लोक निर्माण शिवपाल यादव ने जांच से पहले ही प्रदेश में दंगों के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में भाजपा घटनाएं करा रही है। उन्होंने कहा कि लड़कियों और महिलाओं की सुरक्षा को प्रदेश सरकार सजग है। सहारनपुर की घटना की जांच के लिए मुख्यमंत्री ने मंत्रियों की कमेटी गठित की है, कमेटी घटना की जांच करके मुख्यमंत्री को रिपोर्ट देगी। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

सुनियोजित सहारनपुर दंगा:भाजपा

प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कहा कि दंगा पूरी तरह सुनियोजित था। उनका कहना था कि जिस जमीन को विवादित बताकर दंगे की साजिश रची गई। वास्तव में उस जमीन पर कोई मुकदमा नहीं चल रहा है। इसे साबित करने के लिए कई दस्तावेज भी प्रस्तुत किए गए। आरोप लगाया कि दंगा एक वर्ग की ओर से किया गया था लेकिन पीड़ित पक्ष पर भी मुकदमें कायम करके सरकार ने तुष्टिकरण का परिचय दिया। प्रशासन की रिपोर्ट में मास्टर माइंड चिह्नित है फिर भी दूसरे पक्ष के लोगों का उत्पीड़न किया जा रहा है। भाजपा ने सहारनपुर दंगों पर अपनी जांच कमेटी द्वारा तैयार रिपोर्ट कल राज्यपाल को सौंप दी।

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