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इस तरह मोबाइल बाजार की तस्वीर बदल देगी रिलायंस की 'जिओ' सर्विस

मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज ने जिन योजनाओं के साथ रिलांयस जिओ मोबाइल व डिजिटल सेवा को लांच किया है वह देश के मोबाइल सेवा बाजार को पूरी तरह से बदलने का मद्दा रखता है।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Updated: Fri, 02 Sep 2016 10:01 AM (IST)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। ठीक डेढ़ दशक पहले रिलायंस कम्यूनिकेशंस की मोबाइल सेवा ने देश में मोबाइल नेटवर्क का पूरा नजारा बदल दिया था। अब रिलायंस समूह एक बार फिर यही दोहराने जा रहा है। मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज ने जिन योजनाओं के साथ रिलांयस जिओ मोबाइल व डिजिटल सेवा को लांच किया है वह देश के मोबाइल सेवा बाजार को पूरी तरह से बदलने का मद्दा रखता है।

जानकारों का कहना है कि रिलायंस जिओ की घोषणा के बाद देश में कॉल सेवा के साथ ही डेटा शुल्क में भारी कटौती की सूरत बनेगी। साथ ही दूरसंचार क्षेत्र में अब छोटी कंपनियों का टिका रहना मुश्किल होगा जिससे बड़ी कंपनियां छोटी कंपनियों को खरीद सकती हैं। इसका असर जल्द होने वाले स्पेक्ट्रम बिक्री पर भी पड़ने के आसार हैं।

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सस्ती होंगी मोबाइल सेवा

बाजार में मौजूदा डेटा शुल्क के मुकाबले पांच से दस गुणा सस्ता सेवा का ऐलान कर रिलायंस जिओ ने यह सुनिश्चित कर दिया है कि मोबाइल बाजार में ग्राहक ही राजा रहेगा। वैसे एयरटेल, वोडाफोन, आइडिया जैसी तमाम बड़ी कंपनियों ने रिलायंस जियो के आने से पहले ही अपनी डेटा शुल्क को घटाया है लेकिन जानकारों का कहना है कि इन कंपनियों की शुल्क में अभी 50 से 75 फीसद तक की और कटौती करनी पड़ सकती है।

इससे मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनियों के राजस्व व मुनाफे पर भी असर पड़ेगा। देखना दिलचस्प होगा कि ये कंपनियां जिओ से मुकाबले के लिए कौन सी नई रणनीति ले कर आती हैं। लेकिन इतना तय है कि शुल्क कटौती के साथ ही कंपनियों की सेवा की गुणवत्ता में भी भारी सुधार करना होगा। कॉल ड्रॉप की समस्या से ग्रस्त नेटवर्क वाली कंपनियों का अब कोई भविष्य नहीं रहेगा।

स्पेक्ट्रम बिक्री पर पड़ेगा असर

जिओ के आने का सबसे अहम असर सरकार की स्पेक्ट्रम नीलामी पर पड़ने के आसार हैं। संचार मंत्रालय बड़ी संख्या में स्पेक्ट्रम नीलामी करने जा रहा है। संभवत: अक्टूबर में यह नीलामी होगी। रिलायंस जिओ से मुकाबले करने के लिए एयरटेल, वोडाफोन व अन्य कंपनियों का जोर अब फोर जी मोबाइल सेवा देने वाले स्पेक्ट्रम को खरीदने के लिए होगी। सरकार ने पहले इस वर्ष स्पेक्ट्रम नीलामी से 1.50 लाख करोड़ रुपये हासिल करने का लक्ष्य रखा था लेकिन कंपनियों के बीच मुकाबला कड़ा होने से नीलामी से ज्यादा राशि हासिल हो सकती है।

छोटी कंपनियों की बड़ी मुसीबत

रिलायंस जिओ ने जिस तरह से चार महीने में दस करोड़ ग्राहक बनाने और बेहद सस्ती दर पर मोबाइल व डेटा सेवा देने का ऐलान किया है उससे सबसे ज्यादा विपरीत असर देश की चार छोटी मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनियों पर पड़ेगा। रिलायंस जिओ, एयरटेल, वोडाफोन के बीच प्रतिस्पद्र्धा में इन छोटी कंपनियों की मुश्किल बढ़ेगी। इन्हें अपनी दुकान बंद करनी पड़ सकती है।

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