उत्तराखंड में फंसे सभी लोग बचाए गए
देहरादून [जागरण न्यूज नेटवर्क]। उत्तराखंड में आई दैवीय आपदा के बाद 16 दिन तक फंसे रहे सभी लोगों को मंगलवार को सुरक्षित निकाल लिया गया। इस प्रकार से सेना, वायुसेना, आइटीबीपी, एनडीआरएफ, बीआरओ सहित कई एजेंसियों के सहयोग से चला देश का सबसे बड़ा बचाव अभियान पूरा हुआ। इस अभियान में करीब एक लाख दस हजार लोग निकाले गए। विभिन्न सरकारी एजेंसियों के लोगों ने जान की बाजी लगाकर श्रद्धालुओं की जिंदगी बचाई। इस दौरान 25 जून को हुए हादसे में हेलीकॉप्टर में सवार 20 बचावकर्मी शहीद भी हुए लेकिन बचाव कार्य पर कोई फर्क नहीं पड़ा।
देहरादून [जागरण न्यूज नेटवर्क]। उत्तराखंड में आई दैवीय आपदा के बाद 16 दिन तक फंसे रहे सभी लोगों को मंगलवार को सुरक्षित निकाल लिया गया। इस प्रकार से सेना, वायुसेना, आइटीबीपी, एनडीआरएफ, बीआरओ सहित कई एजेंसियों के सहयोग से चला देश का सबसे बड़ा बचाव अभियान पूरा हुआ। इस अभियान में करीब एक लाख दस हजार लोग निकाले गए। विभिन्न सरकारी एजेंसियों के लोगों ने जान की बाजी लगाकर श्रद्धालुओं की जिंदगी बचाई। इस दौरान 25 जून को हुए हादसे में हेलीकॉप्टर में सवार 20 बचावकर्मी शहीद भी हुए लेकिन बचाव कार्य पर कोई फर्क नहीं पड़ा। पूरे जज्बे के साथ बचाव अभियान को अंजाम तक पहुंचाया गया। अब ध्यान स्थानीय लोगों पर केंद्रित रहेगा। चार जिलों के सैकड़ों गांवों में फंसे लोग आपदा के बाद से लगातार संकट में हैं। इसके अतिरिक्त मलबे में दबे शवों का निस्तारण भी एक बड़ी चुनौती है।
उत्ताराखंड में स्थित चार धाम में शुमार बदरीनाथ में आपदा से ज्यादा क्षति तो नहीं हुई लेकिन वहां जाने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग सहित अन्य रास्ते बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। शुरुआत में वहां पर 20 हजार से ज्यादा लोगों के फंसे होने की सूचना आई थी लेकिन उनके सुरक्षित होने की वजह से बचाव अभियान के दौरान वे प्राथमिकता पर नहीं थे। केदारनाथ में फंसे सभी श्रद्धालुओं को निकालने के बाद बचावकर्मियों ने बदरीनाथ की ओर ध्यान किया। लेकिन लगातार मौसम की खराबी के चलते अभियान खिंचता चला गया। सोमवार को जिन डेढ़ सौ लोगों को नहीं निकाला जा सकता था, उन्हें मंगलवार को हेलीकॉप्टर के जरिये निकाला गया। चमोली के जिलाधिकारी एसए मुरुगेसन ने बताया कि बदरीनाथ में कुछ स्थानीय लोग और वहां काम करने वाले बचे हैं, उन्हें सुविधा के अनुसार धीरे-धीरे करके निकाला जाएगा। बचाव अभियान पूरा होने के बावजूद वायुसेना अभी एक और सप्ताह अपने दस हेलीकॉप्टर उत्ताराखंड में बनाए रखेगी।