रॉबर्ट वाड्रा पर आयकर विभाग ने शिकंजा कसा, मांगा जवाब, बिफरी कांग्रेस
आयकर विभाग ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा के विवादित जमीन सौदों और आर्थिक लेनदेन को लेकर उन पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। वाड्रा की एक कंपनी को विभाग ने नोटिस भेजकर जवाब मांगा है।
By Sanjay BhardwajEdited By: Updated: Fri, 02 Jan 2015 03:53 AM (IST)
नई दिल्ली।आयकर विभाग ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा के विवादित जमीन सौदों और आर्थिक लेनदेन को लेकर उन पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। वाड्रा की एक कंपनी को विभाग ने नोटिस भेजकर जवाब मांगा है।
एक अंग्रेजी अखबार ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि आयकर विभाग ने वाड्रा की फर्म स्काइलाइट हॉस्पिटैलिटी के मुख्य अधिकारी को नोटिस भेजा है और उन्हें शुक्रवार को पूछताछ के लिए बुलाया है। इस फर्म का नाम डीएलएफ के साथ लेनदेन और जमीन का व्यावसायिक लाइसेंस हासिल करने के विवाद से जुड़ा है। फर्म को 2005-06 के बाद से उसकी अचल संपत्तियों की खरीद या बिक्री के समझौते का ब्योरा देने को कहा गया है।रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि आयकर विभाग ने स्काइलाइट और डीएलएफ के बीच हुए सौदे, फर्म और ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज के संबंध और हरियाणा में व्यावसायिक कॉलोनी लाइसेंस हासिल करने के खर्च की जानकारी मांगी है। स्काइलाइट हॉस्पिटैलिटी के पास हरियाणा के मानेसर में 3.53 एकड़ और राजस्थान के बीकानेर में 470 एकड़ की जमीन है।रिपोर्ट के अनुसार, फर्म से अचल संपत्ति की खरीद-बिक्री, लोन, बोर्ड की बैठक, निदेशकों (जिनमें वाड्रा शामिल हैं) के बारे में जानकारी विस्तृत जानकारी मांगी है।
हरियाणा सरकार के निशाने पर भी वाड्राचंडीगढ़, जागरण ब्यूरो। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा हरियाणा की मनोहर लाल सरकार के भी निशाने पर हैं। राज्य सरकार ने वाड्रा के जमीन सौदों की तहकीकात राजस्व विभाग के जरिये लगभग पूरी करा ली है। वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु के विदेश से लौटने के बाद राज्य सरकार राजस्व विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव की रिपोर्ट पर संज्ञान ले सकती है, जिसमें कहा गया है कि वाड्रा ने नियमों के विपरीत राज्य में जमीनें खरीदी हैं। हरियाणा सीलिंग ऑन लैंड होल्डिंग एक्ट के आधार पर राज्य में कोई भी बाहरी व्यक्ति अथवा परिवार सिर्फ 53.8 एकड़ जमीन की खरीद कर सकता है लेकिन वाड्रा ने 79.6 एकड़ जमीन की खरीदारी की थी। इस बीच मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी कहा कि वाड्रा-डीएलएफ भूमि सौदे के बीच प्रशासनिक प्रक्रिया एवं कानून के तहत कार्रवाई जारी है।
राबर्ट वाड्रा को आयकर नोटिस पर बिफरी कांग्रेसनई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा की कंपनी को संपत्ति मामले में आयकर विभाग के नोटिस को लेकर कांग्रेस ने आक्रामक रुख अपना लिया है। पार्टी ने इसे बदले की राजनीति बताते हुए कहा है कि सरकार अपनी एजेंसियों का इस्तेमाल विरोधियों को दबाने के लिए कर रही है।आयकर विभाग ने करीब एक हफ्ते पहले वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हास्पिटैलिटी को नोटिस और 22 प्रश्नों की एक सूची भेज कर डीएलएफ के साथ हुए जमीन के सौदों और कई अन्य वित्तीय सौदों के संबंध में जवाब मांगा है। इन्हीं सौदों के बारे में डीएलएफ को भी विभाग से नोटिस भेज दो हफ्ते में जवाब देने को कहा था। वाड्रा को नोटिस पर राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई है। कांग्रेसी नेता और पूर्व मंत्री मनीष तिवारी ने कहा, यह सरकार विभिन्न विभागों-एजेंसियों को विरोधियों को दबाने के लिए इस्तेमाल कर रही है। कांग्रेसी नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने सरकार पर निशाना साधा। भाजपा ने आयकर विभाग के इस कदम को सामान्य प्रशासनिक कार्रवाई बताया है। पार्टी के प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने कहा है कि किसी भी संदिग्ध सौदे के बारे में विस्तृत जानकारी लेना आयकर अधिकारियों की जिम्मेदारी है। आयकर विभाग ने वाड्रा की कंपनी के हरियाणा और राजस्थान में हुए जमीन के सौदों के बारे में जानकारी मांगी है।
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