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कनीमोरी के लिए सोनिया की चौखट पर पहुंची द्रमुक

नई दिल्ली। श्रीलंकाई तमिलों के मुद्दे पर तीन माह पहले केंद्र सरकार से समर्थन वापस लेने वाली द्रमुक राज्यसभा चुनाव में अपनी नेता कनीमोरी की जीत के लिए बुधवार को पहली बार कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की चौखट पर पहुंची। भाकपा के डी. राजा के समर्थन में अन्नाद्रमुक द्वारा अपना प्रत्याशी हटाए जाने के बाद तमिलनाडु से राज्यसभा की छठी सीट के लिए डीए

By Edited By: Updated: Wed, 19 Jun 2013 07:11 PM (IST)

नई दिल्ली। श्रीलंकाई तमिलों के मुद्दे पर तीन माह पहले केंद्र सरकार से समर्थन वापस लेने वाली द्रमुक राज्यसभा चुनाव में अपनी नेता कनीमोरी की जीत के लिए बुधवार को पहली बार कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की चौखट पर पहुंची। भाकपा के डी. राजा के समर्थन में अन्नाद्रमुक द्वारा अपना प्रत्याशी हटाए जाने के बाद तमिलनाडु से राज्यसभा की छठी सीट के लिए डीएमडीके और द्रमुक में सीधी टक्कर के आसार बन गए हैं। डीएमडीके के पांच विधायकों ने मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बीएस गनादेसिकन से मुलाकात कर समर्थन मांगा था।

प्रतिष्ठा का प्रश्न बन चुके इस चुनाव में द्रमुक सुप्रीमो एम करुणानिधि की बेटी कनीमोरी के लिए समर्थन मांगने पार्टी नेता टीआर बालू सोनिया गांधी से मिले। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस ने अभी अपना रुख साफ नहीं किया है। गनादेसिकन ने कहा था कि डीएमडीके प्रत्याशी एआर इलंगोवन को समर्थन के प्रस्ताव पर हाईकमान फैसला करेगा।

इस बीच, दो विधायकों वाली मानीधानेया मक्कल काची [एमएमके] नेता एमएच जवाहिरुल्लाह ने कहा कि हमने द्रमुक को समर्थन का एलान किया है। राज्यसभा सीट के लिए 27 जून को चुनाव होना है। सात विद्रोही समेत डीएमडीके के 29 सदस्य हैं। जबकि 23 सदस्यों वाली द्रमुक को एमएमके के साथ अगर कांग्रेस का भी समर्थन मिल जाए तो भी उसे पांच वोटों की दरकार होगी। इसी तरह डीएमडीके को अगर कांग्रेस की हिमायत मिल जाए और कोई बगावत न हो तो उसकी जीत पक्की है। राज्य से किसी भी प्रत्याशी को राज्यसभा में जाने के लिए पहली वरीयता के 34 मतों की दरकार है।

करुणानिधि से उनके आवास पर मुलाकात के बाद जवाहिरुल्लाह ने लोकसभा चुनाव में द्रमुक से गठबंधन के सवाल पर कहा कि अभी पार्टी ने इस पर विचार नहीं किया है, अभी सिर्फ राज्यसभा चुनाव के लिए पार्टी ने अपनी राय दी है। एमएमके ने 2011 का विधानसभा चुनाव में अन्नाद्रमुक के साथ मिलकर लड़ा था, लेकिन स्थानीय और सहकारी संस्थाओं के चुनाव अकेले ही लड़ी। अन्नाद्रमुक से गठबंधन टूटने के सवाल पर भी जवाहिरुल्लाह ने कहा कि अभी पार्टी ने राज्यसभा चुनाव के लिए द्रमुक को समर्थन दिया है।

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