संघ आर्थिक मामलों में पुरातनपंथी नहीं
नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ नेता राम माधव ने कहा कि संघ आर्थिक पुरातनपंथी नहीं है। उन्होंने गुरुवार को स्पष्ट कर दिया कि मोदी सरकार प्रत्यक्ष विदेशी निवेश समेत देश के भले के लिए सभी फैसले लेने के लिए स्वतंत्र है। संघ का कहना है कि उसका दायरा देश की आर्थिक संप्रभुता की रक्षा करने तक है। इसके
By Edited By: Updated: Thu, 29 May 2014 10:37 PM (IST)
नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ नेता राम माधव ने कहा कि संघ आर्थिक पुरातनपंथी नहीं है। उन्होंने गुरुवार को स्पष्ट कर दिया कि मोदी सरकार प्रत्यक्ष विदेशी निवेश समेत देश के भले के लिए सभी फैसले लेने के लिए स्वतंत्र है।
संघ का कहना है कि उसका दायरा देश की आर्थिक संप्रभुता की रक्षा करने तक है। इसके महत्वपूर्ण पहलुओं को अंतिम रूप देने का काम सरकार को करना है। संघ के नेता राम माधव ने कहा कि संघ का मानना है कि भारत सरकार को ही यह निर्णय लेना है कि देश के लिए कौन से आर्थिक फैसले अच्छे हैं। संघ सिर्फ इस सवाल पर विचार करता है कि देश के भले के लिए क्या अच्छा है इसका निर्णय हम लेंगे या अन्य देश लेंगे। संघ का दायरा सिर्फ यही तक है। उन्होंने कहा कि स्वदेशी जागरण मंच जैसे संगठन खास मुद्दों पर अपने विचार रख रखते हैं। सरकार उनकी चिंता का निवारण करेगी। माधव ने मोदी द्वारा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ सहित सार्क के सदस्य देशों के नेताओं को शपथ ग्रहण समारोह में बुलाने की यह कहते हुए सराहना कि यह पड़ोसी देशों के साथ अच्छे संबंध स्थापित करने के प्रति ईमानदारी को दर्शाता है। इसके साथ इस क्षेत्र में एक मजबूत शक्तिशाली राष्ट्र के तौर पर हमारी स्थिति को भी प्रकट करता है। उन्होंने कहा कि यह सच्चाई है कि सभी पड़ोसी देशों ने हमारे निमंत्रण को स्वीकार किया और भारत एवं नई सरकार के प्रति सम्मान का प्रदर्शन किया। संघ ने मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी की शैक्षिक योग्यता पर सवाल उठाने पर कांग्रेस की आलोचना भी की। पढ़ें : संघ ने किया तीखा पलटवार, कहा- उमर की जागीर नहीं कश्मीर