असम में भाजपा की जीत के पीछे आरएसएस ने निभाई ये भूमिका
असम विधानसभा चुनाव में भाजपा ने ऐतिहासिक जीत दर्ज कर नॉर्थ-ईस्ट में अपनी मौजूदगी दर्ज करा दी है। भाजपा की इस जीत के पीछ संघ की सालों की मेहन भी है।
गुवाहटी। भाजपा ने असम विधानसभा चुनाव जीतकर इतिहास रच दिया है। उसने 15 साल पुराने कांग्रेस के किले को ढहा दिया है। असम का रास्ते भाजपा ने पहली बार नॉर्थ-ईस्ट में एंट्री की है। इस बार के चुनाव में भाजपा को 60 सीटें ममली हैं। जबकि उसकी सहयोगी पार्टी असम गण परिषद को 14 और बोडो पीपल्स फ्रंट को 12 सीटें मिली हैं। वहीं कांग्रेस 78 से महज 26 सीटों पर समीट गई। 5 सीटों से सीधा 60 पर पहुंचने वाली भाजपा के लिए ये चमत्कार से कम नहीं है।
भाजपा की इस ऐतिहासिक जीत के पीछे आरएसएस का अहम रोल माना जा रहा है। कहा जा रहा है कि ये संघ की सालों की मेहनत ही है जिससे राज्य में पहली बार भाजपा की सरकार बनी है। संघ ने अपर, सेंट्रल और नॉर्थ असम में कांग्रेस के संगठन को बड़ी चुनौती दी है।
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इकनॉमिक टाइम्स में छपी एक खबर के मुताबिक संघ के एक वरिष्ठ कार्यकर्ता ने बताया कि ‘असम में करीब 25 हजार कार्यकर्ताओं ने भाजपा के लिए काम किया है। उन्होंने मतदाता जागरुकता अभियान चलाया और बदलाव के लिए मतदान को सुनिश्चित किया। संघ ने 10 लाख नए वोटरों को भी भाजपा के पक्ष में वोट करने के लिए काम किया है।‘
उन्होंने आगे कहा कि ‘चाय बागान वाले इलाकों में शिक्षा संबंधित कार्यक्रम चलाकर आदिवासियों समुदायों को अपने पक्ष में किया। पिछले कई सालों में संघ परिवार का विभिन्न सहयोगी कंपनियों ने राज्य में अवैध पशु व्यापार को रोकने का काम किया।‘